तीन साल से पत्र लिख रहा हूं, पार्टी नहीं सुन रहीः दलित भाजपा सांसद छोटेलाल खरवार

By खबरीलाल जनार्दन | Published: April 7, 2018 07:56 AM2018-04-07T07:56:05+5:302018-04-07T07:56:05+5:30

फिलहाल मेरी शिकायत अपनी पार्टी के उन नेताओं से है जो मेरे दलित होने चलते मेरा नेतृत्व स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

Dalit BJP MP Chhote Lal Kharwar speaks out against Yogi Adityanath, read full interview | तीन साल से पत्र लिख रहा हूं, पार्टी नहीं सुन रहीः दलित भाजपा सांसद छोटेलाल खरवार

तीन साल से पत्र लिख रहा हूं, पार्टी नहीं सुन रहीः दलित भाजपा सांसद छोटेलाल खरवार

उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद छोटलाल खरवार ने अपनी ही पार्टी पर दलित और सवर्ण में भेदभाव के आरोप लगाए हैं। इस बाबत उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत भी लिखा है। हमने जब उनसे बात की पता चला यह मामला अभी का नहीं है, तीन साल पहले से ही वह अपनी ही पार्टी के रवैये से परेशान हैं।

मामला क्या है, क्यों आपको अमित शाह और नरेंद्र मोदी को पत्र लिखना पड़ा?

मामला बहुत सीधा सा है। मैं क्षेत्र में काम करना चाहता हूं। इसलिए मैंने क्षेत्र के अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाई। लेकिन वे मेरी ही आवाज दबाने लगे। जब मैं उनके खिलाफ पुलिस-प्रशासन में गया तो देखा कि प्रशासन भी उनका साथ दे रहा है। ऐसे में पार्टी के ऊपर के नेता और प्रदेश के मुख्यमंत्री से न्याय की उम्मीद थी। लेकिन आप जानते ही मेरे साथ क्या हुआ।

खुलकर बताइए, क्या हुआ आपके साथ?

आप ध्यान से देखिए, चाहे वो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर हों, या अपना दल (सोनेलाल) अनुप्रिया पटेल, दोनों ही पार्टी के रवैये से खुश नहीं हैं। मतलब बहुत साफ है। ये दोनों पार्टियां हमारे गठबंधन में सहयोगी हैं। लेकिन अब ये बगावत करने जा रही हैं। इससे पूर्वांचल में पार्टी को भारी नुकसान होने जा रहा है। और इन सब के पीछे कहीं ना कहीं जाति फैक्‍टर काम कर रहा है।

आपके कहने का आशय है कि भाजपा दलित विरोधी पार्टी है?

नहीं मैंने ऐसा नहीं कहा। लेकिन यह सच है कि हम बहुत सुरक्षित या खुश महसूस नहीं कर रहे हैं।

ऐसा क्यों, आपने अपनी बात नहीं बताई, आपकी नाराजगी क्या है?

यह मामला अभी का नहीं है। सच कहें तो यह मामला मेरे लोकसभा चुनाव जीतने से ही शुरू हो गया था। क्षेत्र के अगड़ी जाति के नेताओं को यह कतई पसंद नहीं आया कि उनके रहते क्षेत्र में एक दलित को टिकट मिल गया और वह चुन लिया गया। मेरे साथ बीते चार साल से क्षेत्र में बहुत अनुकूल माहौल नहीं रहे। मुझे लगातार क्षेत्र में अपनी पार्टी के दूसरे नेताओं से असहयोग का सामना करना पड़ा। अब पानी सिर से ऊपर जा रहा है, इसलिए बाहर आकर आवाज उठानी पड़ी।

आपने अभी भी खुलकर नहीं बताया, साफ-साफ बताइए, मामला अवैध कब्जे और आपके भाई ब्लॉक प्रमुख भाई के खिलाफ अविश्वास अप्रस्ताव का है या कुछ और?

देखिए, 16 अप्रैल 2015 को मेरी दोनों बेटियों की शादी थी। मेरे दरवाजे पर आने का रास्ता सकरा है। वहां बारात आने में दिक्कत होती। इसलिए मैंने वन विभाग से अनुमति लेकर अपने घर के पीछे के गड्ढे को भरवाकर समतल करा रहा था। तभी नौगढ़ क्षेत्र के रेंजर वहां आ धमके। उन्होंने मेरे सा‌थ अभद्रता की। जब तीन दिन बाद 19 अप्रैल को मैं संसद की कार्यवाही में शामिल होने दिल्ली पहुंचा तो मेरी अनुपस्थिति का फायदा उठाकर उन लोगों ने मेरे परिवार से अभद्रता की। इसकी शिकायत मैंने तभी 25 अप्रैल 2015 को ही लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर की थी।

साथ ही मैंने पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं को भी क्षेत्र में अवैध खनन और भूमाफियों की जानकारी दी थी। मैं तभी से इनकी आंख की किरकिरी बन गया। लेकिन मुझे अचंभा तब हुआ जब मेरी शिकायत का मुझ पर ही उल्टा प्रभाव दिखने लगा। दिल्ली से लौटकर मैंने नौगढ़ थाने में उन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी चार महीने पहले मैंने प्रतिबंधित वन क्षेत्र (सेंचुरी एरिया) में अवैध खनन का मुद्दा उठाया था। आपको यकीन नहीं होगा, इसमें जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के उच्च अधिकारी सब आपस में मिल गए। और मेरे ही खिलापु साजिश रचने लगे। इसके पीछे कहीं ना कहीं मेरा दलित होना भी फैक्‍टर रहा।

योगी आदित्यना‌थ प्रकरण क्या है?

मैं ऊपर बता रहा था कि मैंने प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध खनन का मामला उठाया था। उसमें जब मेरी क्षेत्र में कोई सहायता होने के बजाए मुझे ही निशाना बनाया जाने लगा तो मैंने इसकी जानकारी सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और प्रमुख सचिव वन को पत्र लिखकर दी थी। लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे में हाल ही में जब मेरी मुलाकात मुख्यमंत्री से हुई तो मैंने फिर से उनसे मामले पर बात करनी चाही। लेकिन मुझे अचंभा हुआ, उन्हें पहले से मामले की जानकारी थी। फिर भी उन्होंने किसी तरह की कार्रवाई के आदेश नहीं दिए। बल्कि मुझे शांत रहने और फिर तीखे शब्दों में वहां से चले जाने को कहा।

आप इसमें अपने ब्लॉक प्रमुख भाई जवाहर के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र नहीं कर रहे हैं, मुख्य मामला तो वही है ना?

नहीं! मुख्य मामला मेरा दलित होना है। मेरा छोटा भाई जवाहर नौगढ़ का ब्लॉक प्रमुख समाजवादी पार्टी सरकार में चुना गया था। हालांकि वह सामान्य सीट थी। ऐसे में उसने कई अगड़ी जाति के उम्मीदवारों को भी पीछे छोड़ दिया था। इसलिए हम उनकी आंखों में खटक रहे थे। लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि जैसे ही प्रदेश में मेरी पार्टी यानी भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई, क्षेत्र के सवर्ण नेता ने साजिश रचकर मेरे भाई खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आए। इसमें हमारा दोष महज इतना है कि एक सामान्य सीट पर मैंने अपने भाई को ब्लॉक प्रमुख बनाया था।

आप सीएम के पास इसी मुद्दे को लेकर गए थे, या अवैध खनन?

मैं दोनों ही लेकर गया था। अवैध खनन को लेकर मैंने चार महीने पहले ही उन्हें पत्र लिखा था। मेरे भाई का मामला तो बहुत बड़ा हुआ था। तब मुझे जान से मारने की धमकी भी मिली थी। इन सब को लेकर मैंने तीन बार अपने प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय से मुलाकात कर चुका हूं। कार्रवाई ना होने पर दो बार प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल से मिल चुका हूं। जिले के प्रभारी मंत्री से भी मुलाकात कर चुका हूं। लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। निश्‍चित तौर पर ऐसे में मुख्यमंत्री से मुलाकात होगी तो मैंने उनसे इसकी शिकायत करूंगा ही।

योगी आदित्यनाथ ने आपको क्या कहा?

मैं उन्हें अपनी और अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत करा रहा था। मैंने क्षेत्र के डीएम और एसपी पर जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल के साथ अपनी बेइज्जती करने के मामले बारे में भी उन्हें बता रहा था। लेकिन वे ये सब सुनकर भड़क गए। उन्होंने मुझे बाहर निकल जाने को कहा। इसलिए आखिरकार हारकर मैंने राष्ट्रीय अक्ष्यक्ष जी को और प्रधनमंत्री को जी को बीते 16 मार्च को पत्र लिखकर पूरी जानकारी दी है।

आप पहले बहुजन समाज पार्टी से सांसद रह चुके हैं। क्या आप वापस उसी का रुख करेंगे?

अभी मैं ऐसा नहीं सोच रहा हूं। फिलहाल मेरी शिकायत अपनी पार्टी के उन नेताओं से है जो मेरे दलित होने के चलते मेरा नेतृत्व स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

English summary :
Chhote Lal Kharwar, BJP MP from Robertsganj constituency, in a letter to the PM, has alleged that he met the UP Chief Minister twice regarding "corruption" in the district administration and forest department in Chandauli, but was instead "scolded and thrown out"


Web Title: Dalit BJP MP Chhote Lal Kharwar speaks out against Yogi Adityanath, read full interview

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