जम्मू: इस बार की अमरनाथ यात्रा ने 11 दिनों में ही 2 लाख का आंकड़ा पार कर एक नया रिकार्ड बनाया है। ऐसे में उम्मीद यह की जा रही है कि इस बार की अमरनाथ यात्रा आज तक का सबसे बड़ा आंकड़े का रिकार्ड कायम करेगी अगर सब कुछ सामान्य तौर पर चलता रहा तो। हालांकि अमरनाथ यात्रा के प्रति एक रिकार्ड सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने का वर्ष 2011 की यात्रा में बना था जब रिकार्ड तोड़ 6.35 लाख श्रद्धालुओं ने इस यात्रा में शिरकत की थी। हालांकि अब जम्मू संभाग में आतंकी हमलों के उपरांत प्रशासन को अमरनाथ श्रद्धालुओं की चिंता इसलिए सताने लगी है क्योंकि अब खुफिया अधिकारी भी चेताने लगे हैं कि अमरनाथ यात्रा आतंकी हमलों से दो चार हो सकती है।
वैसे मौसम इस बार अमरनाथ यात्रा में उम्मीद से अधिक मेहरबान है जिस कारण प्रशासन का एक ही टारगेट है कि इस बार की अमरनाथ यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु शिरकत करें। वैसे प्रशासन प्रतिदिन 20 से 25 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए रवाना कर गुफा के बाहर जबरदस्त भीड़ एकत्र किए हुए है। वैसे इस बार की यात्रा 52 दिनों की है और अभी यात्रा समाप्त होने में 41 दिन बाकी हैं। और प्रशासन की चिंता 41 दिनों तक इसमें उत्साह बरकरार रखने की भी है क्योंकि अक्सर देखा गया है कि अमरनाथ यात्रा के प्रतिक हिमलिंग के पिघलने के बाद से ही यात्रा हमेशा ही ढलान पर आ जाती है। और चिंता का विषय यह भी है कि इस बार भी भक्तों की सांसों की गर्मी से हिमलिंग कब का पिघल चुका है।
जानकारी के लिए वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2019 के आंकड़ों पर अगर एक नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2016 में, जब हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्याय बुरहान वानी की मौत हुई थी, सबसे कम 2.20 लाख श्रद्धालु यात्रा में शामिल हुए थे। जबकि चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2008 में जब अमरनाथ भूमि आंदोलन को लेकर जम्मू में दो माह तक लगातार आंदोलन, हड़ताल और कर्फ्यू लागू रहा था तब भी सरकारी रिकार्ड के मुताबिक, 5.50 लाख श्रद्धालुओं ने 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन किए थे। हालांकि इस आंकड़े पर आज भी संदेह व्यक्त किया जाता रहा है।
2007 से लेकर 2019 तक के आंकड़ों में इस साल के 11 दिनों के आंकड़े ने पिछले चार साल का रिकार्ड जरूर तोड़ दिया है। जबकि अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को उम्मीद थी कि अगर सब सकुशलता से चलता रहा तो इस बार यात्रा एक नया रिकार्ड बनाएगी। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 तथा 2018 में क्रमशः 2.63, 5.50, 3.75, 4.59, 6.35, 6.20, 3.53, 3.72, 2.20, 2.60 तथा 2.85 लाख श्रद्धालुओं ने शिरकत की थी।