परिसर में छात्रावास की भांति गौ आश्रय खोला जाए: रुपाला ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय को दी सलाह
By भाषा | Updated: November 12, 2021 22:47 IST2021-11-12T22:47:07+5:302021-11-12T22:47:07+5:30

परिसर में छात्रावास की भांति गौ आश्रय खोला जाए: रुपाला ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय को दी सलाह
सागर (मप्र), 12 नवंबर केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला ने यहां स्थित एक केंद्रीय विश्वविद्यालय से शुक्रवार को कहा कि वह अपने परिसर में छात्रावास की ही तर्ज पर गायों के आश्रय के लिए भी एक बड़े केंद्र की स्थापना करे।
रूपाला ने यहां स्थित डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में कामधेनु अध्ययन एवं शोध पीठ की स्थापना कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘देश की परम्परा में समृद्धि का पता गोधन से ही लगाया जाता था। यह एक पारंपरिक धन है जो हमें समृद्धि की ओर ले जा सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय को चाहिए कि छात्रावासों की ही तर्ज़ पर गायों के आश्रय के लिए भी एक बड़े केंद्र की स्थापना करे।’’
रूपाला ने कहा कि वह और उनका मंत्रालय भी इसमें सहयोग करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय में कामधेनु अध्ययन और अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए विश्वविद्यालय ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के साथ समझौता पत्रक पर हस्ताक्षर किए है।
रूपाला ने कहा, ‘‘भारतीय गायों की क्षमता अपार है, जरुरत इसे समझने और समझाने की है। दुग्ध उत्पादन, खाद उत्पादन और विभिन्न औषधीय उपयोगों सहित गायों के महत्व के कई पहलुओं को हम बचपन से जानते हैं। दुर्भाग्य से, समय के साथ हम देशी गोवंश का महत्व भूल गए हैं।’’
इस अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार एवं विश्वविद्यालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। कामधेनु पीठ द्वारा संचालित की जाने वाली गतिविधियों के संबंध में मंत्रालय और विश्वविद्यालय की भूमिका को लेकर समझौता पत्रक पर हस्ताक्षर हुए। विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने और मंत्रालय प्रतिनिधि संयुक्त सचिव ओ. पी. चौधरी ने समझौता पत्रक पर हस्ताक्षर किये।
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