कोरोना पर हाईकोर्ट सख्त, निपटने को क्या हुई तैयारी, 8 दिसंबर तक रिपोर्ट दे बिहार सरकार
By एस पी सिन्हा | Published: November 26, 2020 09:09 PM2020-11-26T21:09:20+5:302020-11-26T21:11:00+5:30
कोरोना टेस्ट में लगभग 40 फीसदी रिपोर्ट सही नहीं होते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री के पास जो कोरोना के आरटी पीसीआर मशीन की रिपोर्ट गई है, उसमें बिहार 15 प्रतिशत के साथ सबसे नीचे है.
पटनाः बिहार में चुनाव के वक्त कोरोना संक्रमितों की संख्या में आई गिरावट और उसके बाद संक्रमितों की संख्या में हो रहे ईजाफे ने लोगों की चिंतायें बढ़ा दी हैं.
ऐसे में राज्य में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर अब पटना पटना हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. कोर्ट ने बिहार सरकार से महामारी को नियंत्रित करने के लिए की जा रही कार्रवाई का पूरा ब्योरा 8 दिसंबर तक पेश करने का निर्देश दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनेश कुमार सिंह व अन्य की याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि बिहार में करोना का नहीं होना मात्र मिथ हैं. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन, स्वयं का न होकर पीपीपी मोड पर है. इस कारण से मरीजों को पैसे खर्च कर टेस्ट कराने होते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोरोना टेस्ट में लगभग 40 फीसदी रिपोर्ट सही नहीं होते हैं.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री के पास जो कोरोना के आरटीपीसीआर मशीन की रिपोर्ट गई है, उसमें बिहार 15 प्रतिशत के साथ सबसे नीचे है. राज्य में इन मशीनों की काफी कमी हैं और साथ ही टेस्ट भी काफी कम संख्या में हो रहे हैं. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 60 वर्ष के अधिक आयु के लोगों के करोना जांच के मामले में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था.
इस मामले में अगली सुनवाई 8 दिसंबर को की जाएगी.यहां बता दें कि कोरोना के मामले दिन व दिन राज्य में गहराते जा रहे हैं. मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में इसे नियंत्रित करना आवश्यक हो गया है. पिछले दिनों 48 घंटों में 12 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद राज्य सरकार पर ये सवाल उठने लगा था कि क्या टेस्टिंग सही नहीं हो रही या चिकित्सीय व्यवस्था फेल होती जा रही है?
जाहिर है कोरोना को लेकर पूरे देश में मामले बढ़ते देख पीएम मोदी ने भी देश के 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों का साथ बैठक कर इस पर सख्ती दिखाने को कहा था. इसबीच कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पटना जिला प्रशासन में मास्क जांच अभियान तेज कर दिया है. इसके मद्देनजर कई लोगों से अब तक लाखों रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है.
इसी कड़ी में आज राजधानी पटना के कई इलाकों में मास्क की जांच की गई. मास्क का उपयोग न करने पर डाकबंगला चौक के कई दुकानदारों से जुर्माना वसूला गया, वहीं तनिष्क शो रूम समेत कई दुकानें सील कर दी गई. इसे तीन दिनों के लिए सील किया गया है.
जिला प्रशासन के निर्देश पर मास्क चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. एसडीएम सदर और एएसपी लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में मास्क चेकिंग की जा रही है. पुलिस की इस कार्रवाई से मास्क नहीं पहनने वालों के बीच हड़कंप मच गया है.