संक्रमण के पहले 63% रोगियों को नींद की समस्या, पर्याप्त नींद न लेने वालों को खतरा अधिक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 21, 2021 13:10 IST2021-03-21T13:09:08+5:302021-03-21T13:10:25+5:30

भारत में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 43,846 नए मामले सामने आए जो इस साल एक दिन में सामने आने वाले मामलों की सर्वाधिक संख्या है.

covid 63% of patients with sleep problems before infection risk coronavirus who | संक्रमण के पहले 63% रोगियों को नींद की समस्या, पर्याप्त नींद न लेने वालों को खतरा अधिक

महामारी से 197 और मरीजों की मौत हो गई जिसके बाद मृतकों की संख्या 1,59,755 पर पहुंच गई.

Highlightsनए मरीजों के साथ ही देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,15,99,130 हो गए.कोविड-10 के उपचाराधीन मरीजों की तादाद में लगातार 11वें दिन वृद्धि दर्ज.ठीक होने की दर गिरकर 95.96 प्रतिशत रह गई है.

नागपुरः पर्याप्त नींद नहीं होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. अपर्याप्त नींद की समस्या से ग्रस्तों में कोविड संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के श्वसन रोग विभाग प्रमुख डॉ. सुशांत मेश्राम के मार्गदर्शन में किए गए अध्ययन में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. खास बात यह है कि 63 फीसदी रोगियों को कोविड का संक्रमण होने के पहले नींद की समस्या देखने को मिली. डॉ. मेश्राम ने बताया कि 45 फीसदी लोगों में नींद से जुड़ी समस्या है.

अनिद्रा से ग्रस्त रोगी का चिकित्सकीय, सामाजिक, भावनात्मक व शैक्षणिक कारणों की तरफ ध्यान देने की जरूरत है. कोविड संक्रमण के पहले 63 फीसदी लोगों में नींद की समस्या होना गंभीर मुद्दा है. कइयों का सीटी स्कैनकरने के बाद एचआरसीटी स्कोर 16 फीसदी से अधिक था.

अध्ययन में सामने आई जानकारी

कोविड होने के पहले 63 फीसदी लोगों में नींद की समस्या थी.

 37 फीसदी लोगों में कोई समस्या नहीं थी.

निरोगी लोगों में अच्छी नींद का प्रमाण 73 फीसदी होता है.

कोविड होने के पहले 20 फीसदी रोगियों में निद्रा नाश की समस्या देखने को मिली.

सामान्य में यह प्रमाण 10 फीसदी रहता है.

 इफेक्टिव नींद का प्रमाण निरोगी लोगों में 98 फीसदी होता है, जबकि कोविड होने पर रोगियों में 64 फीसदी था.

 निरोगी रहने के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद आवश्यक होती है.

57 फीसदी कोविड संक्रमित 7 घंटे की नींद लेते हैं जबकि 43 फीसदी लोगों ने 7 घंटे से कम नींद ली.

कोविड होने के हले 84 फीसदी लोगों में सोने में अड़चन आ रही थी. जबकि निरोगी लोगों में यह प्रमाण 34 फीसदी था.

कोविड होने से पहले 23 फीसदी लोग नींद की दवा ले रहे थे.

कोविड होने के पहले 46 फीसदी लोगों में नींद से जुड़ी बीमारी मिली. इसमें थकान, नींद लगना जैसी समस्या आम थी.

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