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वर्क फ्रॉम होम से साइबर हमलों का खतरा बढ़ा, जानिए लॉकडाउन में फर्जी वेबसाइटों से लेकर ऑनलाइन ठगी से कैसे बचा जाए

By नितिन अग्रवाल | Updated: May 5, 2020 07:03 IST

देश में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि काफी हद तक रियायत दिए गए हैं। देश में कोरोना के 42,836 मामले हैं और 1,389 लोगों की मौत हुई है।

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ठळक मुद्देपीएम केयर फंड के नाम पर भी ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आए थे। गृह मंत्रालय की ओर से कई वेबसाइटों को लेकर चेतावनी जारी की गई है।

नई दिल्ली: कोरोना लॉकडाउन के चलते देशभर में सरकारी और निजी क्षेत्र के ज्यादातर कर्मचारी अपने घर से ही काम करने को मजबूर हैं ऐसे में साइबर अपराधियों को बढि़या मौका मिल गया है. घरों के कंप्यूटर और नेटवर्क कम सुरिक्षत होने की वजह से यह खतरा बढ़ा है. राजनीतिक दलों और कई सरकारी एजेंसियों को साइबर सुरक्षा उपलब्ध करा चुके एक विशेषज्ञ ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर 'लोकमत समाचार' को बताया कि दरअसल वर्क फ्रॉम होम के माहौल में कई कंपनियों और विभागों ने अपने कर्मचारियों को घर से ही सर्वर में दाखिल होने की मंजूरी दी है. इसके लिए सुरक्षा उपायों में ढील दी गई है. इसका फायदा उठाकर साइबर अपराधियों के लिए सेंधमारी करना आसान हो गया है.

कोविड-19 के नाम पर बनाए जा रहे हैं फर्जी वेबसाइट

राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में ही कोरोना या कोविड-19 नाम से बनी वेबसाइट्स की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है. इनमें से अधिकांश गलत मकसद से बनाई गई हैं. कोई भी व्यक्ति यदि इस प्रकार की वेबसाइट पर जाता है तो उसे तुरंत ही अपने पासवर्ड और दूसरी जानकारियां फिर से बदल लेनी चाहिए. अधिकारी ने बताया कि महत्वपूर्ण और संवेदनशील पदों पर काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को घर से काम करते समय विशेष सावधानी बरतने और सतर्र्क रहने को कहा गया है. उन्हें समय-समय पर अपने काम और महत्वपूर्ण सूचनाओं को अलग बैकअप तैयार करने की सलाह भी दी गई है. कई मामलों में साइबर अपराधी व्हाट्सएप्प और ई-मेल के जरिए भ्रमित करने वाले संदेश भेजकर बैंक अकाउंट से संबंधित जानकरियां जुटा रहे हैं.

ऑनलाइन हेल्प के लिए भी देश में पिछले कुछ दिनों में कई फेक वेबसाइट बनी हैं

हाल ही में एक संदेश में भेजे गए एक ऐसे ही संदेश के जरिए लोगों के बैंक खातों की जानकारी यह कहकर मांगी गई कि सरकार कोरोना संकट के दौरान लोगों के खातों में पैसा भेजने वाली है. इस संदेश के बाद सरकार को सफाई भी देनी पड़ी. इसके अलावा कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों की मदद के नाम पर ऑनलाइन दान मांगकर भी ऐसी धोखाधड़ी की जा रही है.

आशंका जताई गई है कि सरकारी उपक्र म, रणनीतिक और सार्वजनिक उद्योग, बैंकिंग तथा वित्तीय सेवाएं, दूरसंचार, बिजली, ऊर्जा और परिवहन सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले संस्थानों में सीधे तौर पर ऐसे साइबर अपराधियों के शिकार हो सकते हैं.  गृह मंत्रालय की ओर से हाल ही में वीडियो कांफ्रेंसिंग एप्लीकेशन जूम को लेकर भी चेतावनी जारी की गई थी. सरकार ने आधिकारिक कामकाज के लिए जूम को असुरिक्षत करार दिया था.

टॅग्स :कोरोना वायरससीओवीआईडी-19 इंडिया
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