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पहले चरण का परीक्षण भी नहीं हुआ पूरा, एम्स ने कहा-ICMR की डेडलाइन से पहले कोविड-19 टीका संभव नहीं

By हरीश गुप्ता | Updated: August 10, 2020 06:40 IST

बता दें कि देश के पहले कोविड 19 टीके के लिए आईसीएमआर ने हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक से हाथ मिलाया है.

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ठळक मुद्दे जायडस कैडिला के 'जायकोव डी' टीके को भी पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण की अनुमति प्रदान की गई है. 10-15 दिनों में दुगुने डोज के परिणाम सामने आने के बाद ही दूसरे चरण का परीक्षण शुरू किया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही देश में कोविड 19 टीके के परीक्षण को तेजी देने के लिए नौकरशाही के चक्कर में होने वाली देरी को दूर कर दिया है, लेकिन एम्स के अनुसार फिलहाल टीके के परीक्षण का पहला दौर ही पूरा नहीं हुआ है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा तय 15 अगस्त की समयसीमा तक इसके पूरे होने की संभावना नजर नहीं आती. अधिकारिक तौर पर सामने आया है कि भारत बायोटेक के जिस 'कोवैक्सीन'टीके का परीक्षण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) समेत देशभर के 11 अस्पतालों में बीते एक माह से चल रहा है, उसका अभी पहला चरण भी पूरा नहीं कर पाया है.

बता दें कि देश के पहले कोविड 19 टीके के लिए आईसीएमआर ने हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक से हाथ मिलाया है. जायडस कैडिला के 'जायकोव डी' टीके को भी पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण की अनुमति प्रदान की गई है. आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बीते सप्ताह 'कोवैक्सीन' टीके के पहले व दूसरे चरण का परीक्षण 15 अगस्त तक पूरा हो जाने की घोषणा कर उम्मीद जगाई थी. लेकिन एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने स्पष्ट किया कि जल्द से जल्द टीका पाने के लिए भले ही पहले और दूसरे चरण के परीक्षण को एक कर दिया गया है, लेकिन मानव परीक्षण के लिए सभी जरूरी सुरक्षा उपायों का पालन किया जा रहा है.

कोवैक्सीन का पहले चरण का परीक्षण उत्साहजनक : राय

कोविड टीके के लिए मुख्य शोधकर्ता नियुक्त किए गए एम्स के डॉ. संजय राय ने 'लोकमत' को बताया कि कोवैक्सीन का पहले चरण का परीक्षण पूरा कर लिया गया है, इसके परिणाम उत्साजनक आए हैं. टीके का अब तक कोई साइडइफेक्ट सामने नहीं आया है. वैक्सीन योद्धाओं को फिलहाल टीके का एक डोज दिया गया है. अब टीके की क्षमता जांचने के लिए दुगुना डोज दिया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि 10-15 दिनों में दुगुने डोज के परिणाम सामने आने के बाद ही दूसरे चरण का परीक्षण शुरू किया जाएगा.

'कोवैक्सीन' टीके को लेकर की जा रही जल्दबाजी पर डॉ. राय ने कहा, ''सरकार ने देरी से बचने के लिए पहले और दूसरे चरण के परीक्षण को एक कर दिया है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि परीक्षण के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों से समझौता किया जाएगा.''

वर्षांत आएगा टीका

वर्तमान समय में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सीरम इंस्टीट्यूट, पुणे की वैक्सीन समेत कुल तीन टीकों का परीक्षण जारी है. विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी कोविड टीके के इस वर्ष के अंत तक आ पाने की संभावना बेहद कम है. 

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