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पोलियो टीकाकरण की तर्ज पर लगाए जाएंगे कोविड-19 के टीके, जानिए क्या है वैक्सीनेशन का पूरा रोडमैप

By नितिन अग्रवाल | Updated: June 15, 2021 07:33 IST

भारत में कोरोना टीकाकरण को और तेज करने और लोगों में भ्रांतियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार अब नई रणनीति से पूरे कार्यक्रम में आगे बढ़ेगी। इसमें राज्य सरकार की ओर से भी मदद मुहैया कराई जाएगी।

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ठळक मुद्देपोलिया जनजागरण अभियान की तर्ज पर चलेगा कोरोना टीकाकरण का अब अभियानजुलाई-अगस्त तक प्रतिदिन एक करोड़ लोगों का होगा टीकाकरण, सामुदायिक सहभागिता पर जोरअल्पसंख्यक, जनजातीय मंत्रालय भी अभियान में शामिल, महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को भी जोड़ा गया

नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार साबित हो रही वैक्सीन को लेकर दुनिया भर में मारामारी चल रही है। हालांकि, कई जगह लोगों पर वैक्सीन का खौफ इस कदर है कि कहीं स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला हुआ, कहीं लोग नदी में कूद पड़े और कहीं उनके मुंह पर दरवाजा ही बंद कर दिया. इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने वृहद स्तर पर योजना बनाई है, जिसमें कई मंत्रालयों को शामिल किया गया है।

कोरोना टीकाकरण अभियान पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के प्रमुख डॉ. एन. के. अरोड़ा ने लोकमत समाचार को बताया कि हमें शुरू से ही इसका अंदेशा था। यह हमारे लिए कोई नहीं बता नहीं है इसलिए हमारी पूर्ण तैयारी है। वैक्सीन पर जन जागरण किया जाएगा।

पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना टीका

डॉ अरोड़ा ने बताया कि वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ने के साथ-साथ योजना को अधिक गहनता से लागू किया जाएगा। पोलिया जनजागरण अभियान की तर्ज पर ही इसे भी चलाएंगे और जुलाई-अगस्त तक प्रतिदिन एक करोड़ लोगों का टीकाकरण होगा। सामुदायिक सहभागिता पर अधिक जोर होगा।

वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों और गलत धारणाओं को संवाद के जरिए दूर करने के साथ ही जनप्रतिनिधियों, समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों और यहां तक कि समुदाय के धर्मगुरुओं का भी सहयोग लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर राज्यों से वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट की जानकारी मिली है।

ऐसा बेहद पिछड़े, ग्रामीण, जनजाति बहुल, सीमांत और कई जगह एक समुदाय विशेष में इस तरह के प्रतिरोध की बात की जा रही है। सरकार की ओर से इसे दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कोविड-19 टीकाकरण संवाद रणनीति बनाई है। इसे राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशकों के जरिए लागू किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक, जनजातीय मंत्रालय भी शामिल

अल्पसंख्यक मामलों और जनजातीय मामलों के मंत्रालयों को इसमें शामिल किया गया है। हज समितियों, वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ काउंसिल से जुड़े दूसरे संगठनों, मौलाना आजाद जैसे प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों को शामिल करते हुए 'जान है तो जहान है' कार्यक्रम चलाया जाएगा।

महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को भी जोड़ा गया है। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत भी विशेष रूप से जनजाती बहुल इलाकों में सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से टीकाकरण को लेकर फैली भ्रांतियां दूर की जा रही हैं।

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