उत्तर प्रदेश में डेल्टा वेरिएंट के बाद अब कप्पा वेरिएंट के मामले आए सामने, दो मरीजों में हुई पुष्टि
By वैशाली कुमारी | Published: July 9, 2021 07:25 PM2021-07-09T19:25:55+5:302021-07-09T19:25:55+5:30
लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में पिछले कुछ दिनों में 109 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई थी। इनमें से 107 नमूनों में कोविड-19 का डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया। वहीं, दो नमूनों में कप्पा वेरिएंट की पुष्टि हुई है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। संक्रमण के दैनिक मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 45 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हालांकि कोरोना के नए वेरिएंट्स के सामने आने से लोगों की चिंताएं लगातार बढ़ रही है। माना जा रहा है कि देश में जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर भी दस्तक दे सकती है।
लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में पिछले कुछ दिनों में 109 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई थी। इनमें से 107 नमूनों में कोविड-19 का डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया। वहीं, दो नमूनों में कप्पा वेरिएंट की पुष्टि हुई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नियमित समीक्षा बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में यह बात सामने आई है। बयान में कहा गया कि दोनों ही वेरिएंट राज्य के लिए नए नहीं हैं। राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को बढ़ाया गया है।
इससे पहले राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने इसे लेकर चिंता नहीं करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि यह कोरोना वायरस का एक वेरिएंट है और इसका इलाज भी संभव है। हालांकि यह राज्य के किन
कप्पा वेरिएंट कोरोना के बी.1.617 वेरिएंट में म्यूटेशन से पैदा हुआ है और ये डेल्टा वेरिएंट के लिए भी जिम्मेदार है। दरअसल, कोरोना के बी.1.617.2 वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट के नाम से जाना जाता है, जबकि बी.1.617.1 को कप्पा वेरिएंट कहा जाता है। कुछ महीने पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया है।
बता दें कि भारत में शुक्रवार को कोविड-19 के 43 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए थे। वहीं 911 लोगों की संक्रमण से मौत हो गई थी।