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कोविड वैक्सीन लगने के बाद अगर संक्रमित हुए तो अस्पताल पहुचने की नौबत केवल 0.06 प्रतिशत, शोध में खुलासा

By विनीत कुमार | Updated: May 16, 2021 13:40 IST

कोरोना वैक्सीन लगने के बाद कई लोगों के संक्रमित होने की भी खबरें आई हैं। हालांकि दिल्ली के एक अस्पताल की शोध में ये बात सामने आई है कि ऐसे लोग कोरोना को आसानी से मात दे देते हैं। बहुत कम लोगों को ही गंभीर लक्षण नजर आते हैं।

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ठळक मुद्देदिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के एक शोध में दिलचस्प बातें आई सामनेवैक्सीन लेने वालों पर कोविड संक्रमण का खतरा बहुत कम, नहीं आती अस्पताल जाने की नौबतये शोध उन हेल्थ केयर वर्कर्स पर किया गया जो वैक्सीन की एक या दोनों डोज ले चुके थे

कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद अगर संक्रमण होता है तो केवल 0.06 प्रतिशत लोगों को ही अस्पताल जाने की जरूरत पड़ सकती है। वहीं, टीका ले चुके लोगों में 97.38 प्रतिशत वायरस से पूरी तरह सुरक्षित हो जाते हैं। दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के एक शोध में ये बात कही गई है।

अस्पताल ने उस शोध के नतीजे जारी किए हैं जिसमें कोविड-19 का टीका लेने के बाद संभावित संक्रमण के खतरे को लेकर जांच की गई थी। ये शोध कुछ उन हेल्थ केयर वर्कर्स पर किया गया था जो कोविड-19 के लक्षणों के साथ संक्रमित पाए गए थे। 

ये वो हेल्थ वर्कर्स थे जिन्हें कोविशील्ड वैक्सीन दी गई थी और इसके बावजूद 100 दिन के अंदर कोरोना से संक्रमित हो गए थे।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार अपोलो अस्पताल ग्रुप के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ अनुपम सिब्बल ने बताया, 'हाल में टीकाकरण के बीच दूसरी लहर में भारत में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते हुए मामले देखने को मिले। वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित होने जैसी बातें सामने आ रही थीं। इसे ब्रेकथ्रू इंफेक्शन भी कहा जाता है। ये किसी किसी में आधी या पूरी वैक्सीनेसन प्रक्रिया के बाद भी हो सकता है।'

डॉक्टर सिब्बल ने आगे कहा, 'शोध में ये संकेत मिलते हैं कि कोविड-19 वैक्सीन 100 प्रतिशत इम्यूनिटी प्रदान नहीं करती है। वैसे ये पूरी तरह से वैक्सीन (दोनों डोज) लेने के बाद गंभीर लक्षणों से बचाता है। हमारे शोध में ये बात सामने आई कि उनमें से 97.38 लोग जो वैक्सीन ले चुके थे, वे संक्रमण से बचे रहे और अस्पताल में भर्ती करने की दर केवल 0.06 प्रतिशत ही रही। 

3235 हेल्थकेयर वर्कर्स पर शोध, केवल 85 हुए कोरोना संक्रमित

डॉक्टर सिब्बल के अनुसार. 'शोध के नतीजे बताते हैं कि ब्रेक थ्रू इंफेक्शन बहुत कम प्रतिशत में हुआ और ये बेहद मामूली संक्रमण थे। इनमें से कोई आईसीयू तक नहीं पहुचा या किसी की मृत्यु नहीं हुई। हमारे शोध बताता है कि वैक्सीनेशन जरूरी है।'

ये शोध 3235 हेल्थकेयर वर्कर्स पर किया गया था और शोध के दौरान पाया गया कि केवल 85 लोग कोरोना से संक्रमित हुए। इनमें से 65 लोग (2.62 प्रतिशत) को पूरी तरह से वैक्सीन की डोज लग चुकी थी। वहीं 20 (2.65 प्रतिशत) लोग ऐसे थे जिन्हें एक ही डोज लगी थी। इसमें महिलाएं ज्यादा संक्रमित हुई और संक्रमण के मामलों में उम्र का कोई असर शोध में नजर नहीं आया।

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