देश की राजधानी दिल्ली में करीब 29.1 प्रतिशत लोगों में कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार हो चुकी है। इसका खुलासा सीरो सर्वे से हुआ है। ये सीरो सर्वे 1 से 7 अगस्त के बीच किया गया था। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी। सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में दूसरे सीरो सर्वे के दौरान 15000 लोगों सैंपल लिए गए।
इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले करीब एक महीने में ही एंटीबॉडी में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बता दें कि शरीर में एंटीबॉडी का मतलब हुआ कि उसमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए इम्युनिटी तैयार हो चुकी है। हालांकि, ये इम्युनिटी कितने लंबे समय तक काम कर सकती है, इस बारे में पूरी दुनिया के विशेषज्ञ अभी भी एकमत नहीं हैं।
सीरो सर्वे के तहत रक्त के नमूनों की जांच की जाती है और पता लगाया जाता है कि लोगों में वायरस संक्रमण के खिलाफ कितने एंटीबॉडी बने है। दिल्ली में पहले सीरो सर्वे में पता चला था कि लगभग 24 प्रतिशत लोगों के नमूनों में एंटीबॉडी की मौजूदगी है।
एंटीबॉडी बनने का मतलब ये है कि वे कभी न कभी कोविड-19 से प्रभावित थे। इसमें कई मामले ऐसे हो सकते हैं, जो खुद ठीक हो गए हैं। पिछला सीरो सर्वे 27 जून से 10 जुलाई के बीच किया गया था।
दूसरे सीरो सर्वे में उन लोगों को शामिल नहीं किया गया था जो पहले इसमें शामिल हो चुके थे। इस सर्वे के दौरान दिल्ली के सभी जिलों में नए नमूनों में 25 फीसदी नमूने 50 वर्ष या अधिक उम्र के लोगों के लिए गए थे। कुल नमूनों में से 25 फीसदी 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के हैं। वहीं, अन्य 50 फीसदी 18 से 49 वर्ष के उम्र वर्ग और बाकी 25 फीसदी 50 वर्ष या इससे अधिक उम्र वर्ग के लोगों के सैंपल हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली में दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 1,398 नए मामले दर्ज किये गए। इसके साथ ही शहर में कोरोना वायरस के कुल संक्रमितों की संख्या 1.56 हो गई है। दिल्ली में अब तक कोरोना से 4,235 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में अभी 11,137 मरीजों का इलाज चल रहा है। दिल्ली में 23 जून को एक दिन में अब तक सबसे ज्यादा 3,947 नए कोरोना मरीज सामने आए थे।