न्यायालय का पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार, कहा जिंदगी बचाना अधिक महत्वपूर्ण है

By भाषा | Published: November 11, 2020 12:47 PM2020-11-11T12:47:17+5:302020-11-11T12:47:17+5:30

Court refuses to interfere with order banning firecrackers, says saving lives is more important | न्यायालय का पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार, कहा जिंदगी बचाना अधिक महत्वपूर्ण है

न्यायालय का पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार, कहा जिंदगी बचाना अधिक महत्वपूर्ण है

नयी दिल्ली, 11 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के इरादे से काली पूजा के अवसर पर पश्चिम बंगाल में पटाखों की बिक्री और इनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से बुधवार को इंकार कर दिया।

न्यायालय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान जीवन बचाना अधिक महत्वपूर्ण है।

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि यद्यपि पर्व महत्वपूर्ण हैं लेकिन इस समय महामारी के दौर में ‘जीवन ही खतरे में है।’

शीर्ष अदालत वायु प्रदूषण की वजह से काली पूजा और छठ पूजा सहित आगामी त्योहारों के अवसर पर पटाखों के इस्तेमाल और उनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के पांच नवंबर के आदेश के खिलाफ गौतम रॉय और बड़ाबाजार फायरवर्क्स डीलर्स एसोसिएशन की अपील पर सुनवाई कर रही थी। काली पूजा का पर्व शनिवार को मनाया जायेगा।

पीठ ने कहा, ‘‘हम सभी इस स्थिति में जिंदगी के लिये संघर्ष कर रहे हैं और हम सभी के घरों में वृद्धजन हैं। इस समय हम ऐसी स्थिति में हैं जहां जिंदगी बचाना अधिक महत्वपूर्ण है। और उच्च न्यायालय जानता है कि वहां पर किस चीज की जरूरत है।’’

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने नागरिकों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के हितों का ध्यान रखा है जो शायद बीमार हों।

उच्च न्यायालय ने जगदहरि पूजा, छठ और कार्तिक पूजा के दौरान भी पटाखों पर प्रतिबंध लगे रहने का निर्देश दिया था और कहा था कि पंडाल में प्रवेश के बारे में दुर्गा पूजा के समय के दिशा निर्देश भी प्रभावी रहेंगे।

अदालत ने दुर्गा पूजा के दौरान न्यायिक आदेशों में दिये गये दिशा निर्देश प्रभावी तरीके से लागू करने के लिये राज्य सरकार की प्रशंसा की थी और पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा था कि अन्य पर्वो पर भी इन मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाये।

न्यायालय ने विसर्जन के दौरान जुलूस निकालने की अनुमति देने से इंकार करते हुये कहा था कि काली पूजा के 300 वर्ग मीटर के पंडालों में 15 व्यक्तियों और इससे बड़े पंडाल में 45 व्यक्तियों को प्रवेश की अनुमति होगी।

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Web Title: Court refuses to interfere with order banning firecrackers, says saving lives is more important

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