मुंबई मेट्रो कार शेड की जमीन को लेकर अदालत का आदेश सरकार के लिए करारा झटका : भाजपा
By भाषा | Published: December 16, 2020 04:33 PM2020-12-16T16:33:16+5:302020-12-16T16:33:16+5:30
मुंबई, 16 दिसंबर मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए मुंबई के कांजुरमार्ग इलाके में भूमि के आवंटन पर रोक लगाने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को करारा झटका लगा है।
भाजपा नेता अतुल भातखलकर ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा को ‘‘नीचा दिखाने’’ के इरादे से शिवसेना नेतृत्व वाली सरकार ने मेट्रो कार शेड परियोजना आरे कॉलोनी से कांजुरमार्ग स्थानांतरित करने का फैसला किया था।
भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने परियोजना को कांजुरमार्ग ले जाने पर जोर देने के लिए मुख्यमंत्री के बेटे और राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का इस्तीफा मांगा।
उच्च न्यायालय ने मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए मुंबई के कांजुरमार्ग इलाके में 102 एकड़ भूमि आवंटित करने के मुंबई उपनगर के जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश पर रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने उक्त जमीन पर किसी भी तरह के निर्माण पर भी रोक लगा दी है।
मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए राज्य द्वारा चिन्हित जमीन के मालिकाना हक को लेकर केंद्र और शिवसेना नेतृत्व वाली एमवीए गठबंधन सरकार के बीच तकरार चल रही है।
केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर कारशेड के लिए जमीन आवंटित करने के जिलाधिकारी के एक अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी थी और कहा कि यह जमीन उसके (केंद्र के) नमक विभाग की है।
भातखलकर ने कहा कि भाजपा सरकार ने काफी सोच विचार करने के बाद आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड के निर्माण का फैसला किया था।
बहरहाल, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया कि कुछ भी हो ‘‘बुलेट ट्रेन को पीछे छोड़कर कांजुरमार्ग का मेट्रोशेड’’ आगे बढ़ेगा। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है।
भाजपा का नाम लिए बिना शिवसेना ने कहा है कि विपक्षी दल ने मुंबई के विकास में अड़चन डालने का एक भी मौका नहीं छोड़ा है।
संपादकीय में कहा गया, ‘‘अगर कांजुरमार्ग में कार शेड परियोजना बन जाएगी तो केंद्र सरकार पर आसमान नहीं गिर जाएगा।’’ इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने आरे जंगल से परियोजना को स्थानांतरित कर शहर की ‘‘रक्षा’’ की और इसके लिए उसकी तारीफ होनी चाहिए।
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