अदालत ने मकोका के तहत गिरफ्तार आरोपी को जमानत दी

By भाषा | Updated: June 19, 2021 16:09 IST2021-06-19T16:09:06+5:302021-06-19T16:09:06+5:30

Court grants bail to accused arrested under MCOCA | अदालत ने मकोका के तहत गिरफ्तार आरोपी को जमानत दी

अदालत ने मकोका के तहत गिरफ्तार आरोपी को जमानत दी

नयी दिल्ली, 19 जून दिल्ली की एक अदालत ने हत्या, डकैती, छिनैती और जबरन वसूली के मामलों के सिलसिले में गिरफ्तार उस व्यक्ति को जमानत प्रदान कर दी जिसके खिलाफ आठ वर्ष पहले महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किरण गुप्ता ने सुरेंद्र भट्ट को एक निजी मुचलके और एक-एक लाख रुपये के दो जमानत के अधीन जमानत प्रदान की।

आरोपी को इस साल मार्च में मकोका की धारा 3 और 4 के तहत गिरफ्तार किया गया था।

अतिरिक्त लोक अभियोजक शिव कुमार ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करने की मांग करते हुए अदालत को अवगत कराया कि आरोपी के खिलाफ आरोप "गंभीर" हैं क्योंकि वह तीन से अधिक मामलों में लिप्त है जिसमें तीन साल से अधिक की सजा शामिल है।

अभियोजक ने कहा, ‘‘वह संगठित अपराध के एक गिरोह का हिस्सा है और उसका नाम विशेष रूप से प्राथमिकी में उल्लेखित है। वह फरार था और काफी प्रयास के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। वह 17 मामलों में शामिल है।’’

अभियोजक की दलील पर अदालत ने कहा कि 17 मामलों में उसकी संलिप्तता 2009 से पहले की थी और ज्यादातर मामलों में, उसे या तो जांच अधिकारी द्वारा रिहा कर दिया गया था या अदालत ने उसे बरी कर दिया था।

सत्र न्यायाधीश ने 18 जून को जमानत प्रदान करते हुए कहा, ‘‘तीन मामलों में उसे बरी कर दिया गया है। 2009 के बाद उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। यहां तक ​​कि वर्तमान प्राथमिकी भी 2013 की है। अर्जीकर्ता को वर्तमान प्राथमिकी दर्ज करने के लगभग आठ साल बाद गिरफ्तार किया गया है।’’

आरोपी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता अजय कुमार पिपनिया ने इस आधार पर जमानत मांगी कि उनके मुवक्किल को मामले में झूठा फंसाया गया है और प्राथमिकी दर्ज होने के लगभग आठ साल बाद गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने कहा कि सह-आरोपी सतीश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी और घटनाओं की श्रृंखला को पूरा करने के लिए सुरेंद्र का नाम झूठा घसीटा गया था, उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वह एक संगठित अपराध सिंडिकेट का हिस्सा था।

अधिवक्ता पिपानिया ने कहा, ‘‘वह पिछले 11 वर्षों से किसी अपराध में शामिल नहीं है। उसके खिलाफ लंबित सभी मामलों में उसे पुलिस द्वारा रिहा कर दिया गया है।’’

आरोपी के वकील के मुताबिक पुलिस ने मामले में कोई आरोपपत्र दाखिल नहीं किया है।

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Web Title: Court grants bail to accused arrested under MCOCA

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