न्यायालय का सुपरटेक के एमेराल्ड के दो टावरों को तीन माह में गिराने का निर्देश

By भाषा | Published: August 31, 2021 04:32 PM2021-08-31T16:32:23+5:302021-08-31T16:32:23+5:30

Court directs to demolish two towers of Emerald of Supertech in three months | न्यायालय का सुपरटेक के एमेराल्ड के दो टावरों को तीन माह में गिराने का निर्देश

न्यायालय का सुपरटेक के एमेराल्ड के दो टावरों को तीन माह में गिराने का निर्देश

उच्चतम न्यायालय ने नोएडा में सुपरटेक की एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के 40 मंजिला दो टावरों एपेक्स और सियेन को नियमों का उल्लंघन कर निर्माण करने के कारण गिराने के मंगलवार को निर्देश दिए।न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि घर खरीदारों का पूरा पैसा बुकिंग के वक्त से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाया जाए। रेजिडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन को दो टावरों के निर्माण से हुई परेशानी के लिए दो करोड़ रुपये दिए जाएं। इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने 11 अप्रैल 2014 के अपने फैसले में जब टावरों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था तब वे निर्माणाधीन थे। इसके बाद सुपरटेक लिमिटेड ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया जिसने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। न्यायालय ने कहा कि सुपरटेक के 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ साठगांठ कर किया गया है और उच्च न्यायालय का यह विचार सही था। पीठ ने कहा कि दो टावरों को नोएडा प्राधिकरण और विशेषज्ञ एजेंसी की निगरानी में तीन माह के भीतर गिराया जाए और इसका पूरा खर्च सुपरटेक लिमिटेड उठाएगा। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हाल में उसने देखा है कि मेट्रोपॉलिटन इलाकों में योजना प्राधिकारों के सांठगांठ से अनधिकृत निमार्ण तेजी से बढ़ा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि 26 नवंबर, 2009 को परियोजना की दूसरी संशोधित योजना को मंजूरी देने, भवन नियमों के स्पष्ट उल्लंघन , रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को योजना का खुलासा करने से इनकार करने से नोएडा प्रशासन की मिलीभगत का पता चलता है। अदालत ने कहा कि जब मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने नोएडा को दो टावरों के बीच न्यूनतम दूरी की आवश्यकता के उल्लंघन के बारे में लिखा, तो योजना अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की । पीठ ने कहा उच्च न्यायालय ने बिल्डर के साथ नोएडा प्रशासन की मिलीभगत की बात कही थी जो, जो अदालत के समक्ष तथ्यों के रूप में उभरी। पीठ ने कहा, उच्च न्यायालय सही निष्कर्ष पर पहुंचा था कि योजना प्राधिकरण और डेवलपर के बीच मिलीभगत थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Court directs to demolish two towers of Emerald of Supertech in three months

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे