अदालत ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सिरसा न्याय से न भागे
By भाषा | Updated: July 10, 2021 20:33 IST2021-07-10T20:33:23+5:302021-07-10T20:33:23+5:30

अदालत ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सिरसा न्याय से न भागे
नयी दिल्ली, 10 जुलाई यहां की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा न्याय से भागे नहीं क्योंकि वह दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के महासचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान धन की कथित हेराफेरी के मामले में जांच का सामना कर रहे हैं।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने शुक्रवार को भूपिंदर सिंह नाम के उस व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिन्होंने भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई थी।
याचिकाकर्ता ने अदालत को सूचित किया कि सिरसा के देश से भागने की आशंका है। अदालत ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता की ओर से व्यक्त की गई आशंका और समुचित जांच के लिए, जांच अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि आरोपी व्यक्ति न्याय से भागे नहीं।’’
अदालत ने दिल्ली पुलिस से 26 जुलाई तक मामले की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी है, जब वह मामले की अगली सुनवाई करेगी।
वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील संजय एबट्ट ने अदालत को बताया कि सिरसा पहले ही अपनी संपत्तियां बेच चुके है और उड़ानों के बहाल होते ही वह भागने की प्रक्रिया में हैं। वकील ने कहा कि जांच एजेंसी ने उन्हें भागने से रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए हैं।
इस बीच, अदालत ने दिल्ली पुलिस की इस दलील पर भी गौर किया कि आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी नहीं किये गए हैं क्योंकि वे पूछताछ में शामिल हो रहे हैं।
सिंह ने आरोप लगाया था कि सिरसा, जो 2013 में घटना के समय डीएसजीएमसी के महासचिव थे, ने सार्वजनिक धन का गलत ढंग से नुकसान किया।
दिल्ली की एक अदालत ने इससे पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को भूपिंदर सिंह की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। अदालत के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस की ईओडब्ल्यू ने सिरसा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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