न्यायालय दत्तक ग्रहण पर लैंगिक, धार्मिक रूप से तटस्थ कानून संबंधी मुद्दे की पड़ताल करने पर सहमत
By भाषा | Updated: January 29, 2021 20:49 IST2021-01-29T20:49:35+5:302021-01-29T20:49:35+5:30

न्यायालय दत्तक ग्रहण पर लैंगिक, धार्मिक रूप से तटस्थ कानून संबंधी मुद्दे की पड़ताल करने पर सहमत
नयी दिल्ली, 29 जनवरी उच्चतम न्यायालय उस जनहित याचिका में उठाए गए एक संवेदनशील मुद्दे की पड़ताल करने पर शुक्रवार को सहमत हो गया, जिसके जरिये देश में सभी नागरिकों के लिए दत्तक ग्रहण एवं संरक्षण के संबंध में लैंगिक और धार्मिक रूप से तटस्थ कानून बनाने का केंद्र को निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ ने जनहित याचिका पर केंद्रीय गृह मंत्रालय, विधि मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया।
जनहित याचिका में आग्रह किया गया है कि दत्तक ग्रहण और संरक्षण के लिए निर्धारित आधारों में खामियों को दूर किया जाए और उन्हें सबके लिए समान बनाया जाए।
पीठ अधिवक्ता एवं भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
दत्तक ग्रहण और संरक्षण के संबंध में लैंगिक एवं धार्मिक रूप से तटस्थ कानून बनाने संबंधी मुद्दे की पड़ताल का न्यायालय का फैसला काफी मायने रखता है क्योंकि इसी पीठ ने 16 दिसंबर 2020 को उपाध्याय द्वारा दायर दो अन्य जनहित याचिकाओं की पड़ताल करने का निर्णय किया था, जिनमें तलाक तथा गुजारा भत्ते के लिए समान आधार तय किए जाने का आग्रह किया गया था।
उपाध्याय की ओर से शुक्रवार को पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश तथा गीता लूथरा ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि सभी नागरिकों के लिए लैंगिक और धार्मिक रूप से तटस्थ कानून बनाए जाने की आवश्यकता है।
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