देश के पहले सीडीएस जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत

By भाषा | Published: December 8, 2021 09:10 PM2021-12-08T21:10:40+5:302021-12-08T21:10:40+5:30

Country's first CDS General Rawat, his wife and 11 others died in a helicopter crash | देश के पहले सीडीएस जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत

देश के पहले सीडीएस जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत

कुन्नूर (तमिलनाडु), आठ दिसंबर भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोग तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गए ।

भारतीय वायुसेना और अन्य अधिकारियों ने कहा कि 2019 में सीडीएस नियुक्त किए गए जनरल रावत और उनके दल को ले जा रहा हेलीकॉप्टर संभवत: धुंध वाली मौसमी परिस्थितियों में दुर्घटना का शिकार हुआ जिसमें 13 लोगों की जान चली गई। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति जीवित बचा है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

पुलिस और रक्षा सूत्रों ने बताया कि पीड़ितों के पार्थिव शरीर को बृहस्पतिवार सुबह कोयंबटूर से हवाई मार्ग से नई दिल्ली ले जाया जाएगा। इससे पहले कल वेलिंगटन में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।

वायुसेना ने एक ट्वीट में कहा, “बहुत ही अफसोस के साथ इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है।”

जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज (डीएसएससी) जा रहे थे जहां उन्हें शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करना था।

वायुसेना ने बताया कि इस दुर्घटना में डीएसएससी के डायरेक्टिंग स्टाफ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एससी घायल हैं और फिलहाल सैन्य अस्पताल, वेलिंगटन में उनका उपचार चल रहा है।

इससे पहले नीलगिरी के जिलाधिकारी एस. पी. अमृत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति की जान बच गई है।

वायुसेना ने कहा कि एमआई-17वीएच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है और इस हादसे के कारण का पता लगाने के लिए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के आदेश दिए गए हैं। हेलीकॉप्टर ने कोयंबटूर के पास सुलुर वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हेलीकॉप्टर ने सुबह करीब साढ़े 10 बजे उड़ान भरी थी और कुन्नूर दमकल केंद्र को 12 बजे घटना की सूचना मिली।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन कुन्नूर रवाना हो गए हैं और उन्होंने घटना को स्तब्धकारी बताया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दुर्घटना के बारे में जानकारी दी है और वायुसेना प्रमुख को दुर्घटनास्थल पर पहुंचने के लिये कहा गया है। सिंह जनरल रावत के आवास पर भी गये और उनकी बेटी से बात की।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली रक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) को दुर्घटना के बारे में जानकारी दी गई और मंत्रिमंडल के शीर्ष सदस्यों ने जनरल रावत के निधन पर शोक व्यक्त किया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल थे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में सीसीएस के सदस्यों को दुखद हादसे के बारे में जानकारी दी गई।

आधिकारिक सूत्रों और यहां के एक स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार कोहरे की स्थिति में हेलीकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था, और यहां एक घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर पेड़ों से टकराते हुए जमीन पर गिरा और गिरते ही उसमें आग लग गई।

एक प्रत्यक्षदर्शी पेरुमल ने बताया कि हेलीकॉप्टर गिरते समय एक मकान से भी टकराया। हालांकि घर में हादसे के वक्त किसी के नहीं रहने से कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन मकान को इससे नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि आग में झुलसे दो व्यक्ति हेलीकॉप्टर से नीचे गिर गए।

जनरल रावत और अन्य को लेकर हेलीकॉप्टर बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे सुलूर वायुसेना स्टेशन से रवाना हुआ था और करीब एक घंटे बाद उधगमंडलम में वेलिंगटन स्थित डीएसएससी में उतरना था। हालांकि कुन्नूर दमकल केंद्र को दोपहर के करीब इस घटना को लेकर सूचना मिली।

हेलीकॉप्टर नीलगिरि जिले के पर्वतीय क्षेत्र में कुन्नूर के निकट कातेरी-नंजप्पनचथिराम इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुआ।

हेलीकॉप्टर वन क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुआ जिससे पेड़ों को नुकसान पहुंचा और बाद में लगी आग के कारण वे जलकर राख हो गए। स्थानीय लोग घायलों को बचाने के लिए मदद के वास्ते सबसे पहले पहुंचे। हालांकि, वे आग की भीषण लपटों के कारण पीड़ितों की मदद नहीं कर सके और उन्होंने अधिकारियों को सूचित किया। यह त्रासदी और बड़ी हो सकती थी अगर हेलीकॉप्टर मानव बस्ती से कुछ दूर नही गिरा होता।

दुर्घटनास्थल पर हेलीकॉप्टर और पेड़ों में लगी आग के कारण धुआं उठ रहा था और कर्मचारी बाल्टी और पाइप के जरिये पानी डालकर उसे बुझाने की कोशिश में जुटे थे। घटनास्थल पर कुछ जले हुए शव भी नजर आ रहे थे जबकि बचावकर्मी वहां मानवअवशेषों को इकट्ठा करते नजर आए।

घटनास्थल पर आम नागरिकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।

इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सीडीएस जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों को ले जा रहे सेना के हेलीकॉप्टर के कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त होने के बारे में सुनकर मैं बेहद स्तब्ध और निराश हूं।’’

इसबीच पुलिस और रक्षा सूत्रों ने कहा कि बृहस्पतिवार को मद्रास रेजिमेंट सेंटर (एमआरसी) में श्रद्धांजलि कार्यक्रम होगा जिसमें स्टालिन और वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है।

सूत्रों ने कहा कि श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद शवों को कोयंबटूर ले जाया जाएगा जहां से उन्हें हवाई मार्ग से नयी दिल्ली लाया जाएगा।

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