नई दिल्ली: भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को लेकर लोगों को घरों से बहुत कम बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है। इसी बची पूर्व जेएनयू छात्र शेहला रशीद ने ट्वीट कर लोगों से अपील किया कि इस खतरनाक वायरस से एक बचें और एक दूसरे के संपर्क में ना आएं। रशीद ने अपील करते हुए कहा कि जुम्मा मुबारक! पर लोग अपने घर में नमाज अदा करें। साथ ही उन्होंने कहा कि राम नवमी का त्योहार अपने घर पर ही मनाएं।
शेहला ने ट्वीट कर कहा कि स्वस्थ लोगों पर कोरोना का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ सकता है, लेकिन इस वायरस से बीमार और बुजुर्ग लोगों को ज्यादा खतरा है।
इससे पहले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि कश्मीर में 4G सेवा बहाल करें। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती शाम कोरोना वायरस को लेकर देश को संबोधित किया और अपील की कि रविवार को जनता कर्फ्यू लगाया जाए, जिससे इस महामारी का सामना किया जाए।
शेहला रशीद ने ट्वीट कर कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृपया कश्मीर में 4G सेवाओं की तत्काल बहाली सुनिश्चित करें। लोग घर से काम करने और वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेने में असमर्थ हैं। साथ ही, लोग कोरोना वायरस से रोकथाम के वीडियो देखने में असमर्थ हैं। जो लोग लिखित शब्द तक नहीं जानते सकते हैं वे वीडियो से सीखते हैं।
उन्होंने कहा कि जनता कर्फ्यू जनता के लिए, जनता द्वारा लगाया गया कर्फ्यू है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि 22 मार्च की शाम पांच बजे डॉक्टरों, चिकित्सा के पेशों में लगे लोगों, साफ-सफाई में लगे कर्मचारियों को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे जितना की कोरोना वायरस से हुए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पूरा विश्व संकट से गुजर रहा है और प्रत्येक भारतीय को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा। ऐसी महामारी में ‘हम स्वस्थ, जग स्वस्थ’ मंत्र काम आ सकता है। हाल के दिनों में एक भाव उभरा है कि सबकुछ ठीक है, यह मानसिकता ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि आप सड़कों पर घूमते रहेंगे, बाजारों में जाते रहेंगे, और स्थिति से बचे रहेंगे, यह सोच ठीक नहीं है। मुझे आपके कुछ हफ्ते, कुछ समय चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के असर और प्रभाव रोकने के लिए सामाजिक दूरी बहुत ही महत्वपूर्ण है। महामारी से प्रभावित देशों के अध्ययन में पता चला कि कुछ दिनों के बाद इसने विकराल रूप धारण किया और इससे संक्रमित लोगों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी। मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोई मुक्कमल उपाय नहीं मिला है न ही कोई टीका विकसित हुआ है।
उन्होंने कहा कि 60 से उपर की आयु वाले लोग घरों से बाहर नहीं निकलें और लोग बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकलें। उन्होंने कहा कि विकसित देश भी बीमारी से बुरी तरह प्रभावित हुए और यह मानना गलत होगा कि महामारी का भारत में ज्यादा प्रभाव नहीं होगा जिसकी आबादी 130 करोड़ है और जो एक विकासशील देश है।