जम्मूः जम्मू-कश्मीर में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ कर 44 हो गया है। आज 3 मौतें हुई हैं। इनमें एक स्थानीय नागरिक था तो दूसरा सीआरपीएफ का जवान था जो कश्मीर में तैनात था। इस मौत के बाद सामुदायिक संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका प्रकट की जा रही है।
दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग में तैनात एक सीआरपीएफ जवान सहित कश्मीर घाटी में आज सोमवार को दो कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। सीआरपीएफ जवान श्रीनगर के स्किम्स अस्पताल में उपचाराधीन था जबकि दूसरा मरने वाला व्यक्ति श्रीनगर के मसकीन बाग इलाके का रहने वाला था।
दरअसल कुछ दिन पहले यह व्यक्ति एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे उपचार के लिए पहले तो एसएमएचएस अस्पताल भर्ती कराया गया परंतु वहां से उसे सीडी अस्पताल श्रीनगर भेज दिया गया। आज सुबह उसने अंतिम सांस ली। सैंपल की जांच करने पर वह कोरोना पॉजिटीव पाया गया।
उसे तुरंत सीडी अस्पताल श्रीनगर भेज दिया गया। आज समय उसने अंतिम सांस ली। सीडी अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ सलीम टॉक ने बताया कि मृतक की आयु 35 वर्ष के करीब थी। आज सुबह हुई इन दो मौंतों के बाद जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 43 पहुंच गई है। इनमें कश्मीर संभाग से 38 जबकि जम्मू संभाग से पांच मामले शामिल हैं।
वहीं सीआरपीएफ कश्मीर में सहायक कमांडेंट और प्रवक्ता (संचालन) जुनैद खान ने कहा कि गृह मंत्रालय (एमएचए) के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए यह तय किया गया है कि संक्रमित जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव में नहीं भेजा जाएगा। जवान का अंतिम संस्कार घाटी में ही किया जाएगा।
स्किम्स सौरा के एक डॉक्टर ने बताया कि जवान को 4 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके नमूने लिए गए और अगले दिन आई रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। उनका इलाज चल रहा था परंतु आज सुबह अचानक उनकी हालत बिगड़ी और कुछ ही घंटों में उनकी मृत्यु हो गई।
वहीं कश्मीर में सहायक कमांडेंट और सीआरपीएफ के प्रवक्ता जुनैद खान ने सीआरपीएफ जवान की कोरोना से हुई मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि यह जवान 90 बटालियन में तैनात था। वह थोड़ा बीमार था, जिसके बाद ही उसे अस्पताल भर्ती कराया गया था।
वहां जब उसके सैंपल लिए गए तो वह पॉजिटिव पाया गया। कोरोना महामारी के दौरान कश्मीर में यह अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ में यह पहली कोविड मौत है। सीआरपीएफ प्रवक्ता खान ने बताया कि वह गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जवान का अंतिम संस्कार घाटी में ही करेंगे। संस्कार के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी पूरा पालन किया जाएगा।