कोरोना वायरस: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आपात बैठक बुलाई, गुजरात उच्च न्यायालय ने खुद दायर की पीआईएल
By भाषा | Updated: March 13, 2020 22:47 IST2020-03-13T22:47:27+5:302020-03-13T22:47:43+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अदालत परिसर में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलाई और यह निर्णय लिया कि 16 मार्च से वह केवल जरूरी मामलों पर ही सुनवाई करेगा। गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य की अदालतों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए शुक्रवार को खुद एक जनहित याचिका दायर की और स्वास्थ्य एवं विधि विभागों सहित राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अदालत परिसर में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलाई और यह निर्णय लिया कि 16 मार्च से वह केवल जरूरी मामलों पर ही सुनवाई करेगा। बैठक के बाद जारी परामर्श में कहा गया कि उच्च न्यायालय ने यह भी निर्णय लिया है कि पक्षों (वादियों) की व्यक्तिगत मौजूदगी पर जोर नहीं दिया जाएगा जब तक ऐसा करना अपरिहार्य न हो।
इस बैठक में उच्च न्यायालय के प्रशासनिक और सामान्य निगरानी समिति तथा दिल्ली हाई कोर्ट बार असोसिएशन के अध्यक्ष तथा मानद सचिव ने हिस्सा लिया। उच्च न्यायालय ने जिला अदालतों में भीड़ को रोकने के लिए वादियों के प्रवेश को नियंत्रित करने के वास्ते परामर्श भी जारी किया। इसमें कहा गया कि साक्ष्यों को दर्ज करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा का अधिक उपयोग किया जाए। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा इसी प्रकार का निर्णय लिए जाने के बाद उच्च न्यायालय ने यह निर्णय लिया है।
कोरोना वायरस को लेकर उच्च न्यायालय ने खुद पीआईएल दायर की
गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य की अदालतों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए शुक्रवार को खुद एक जनहित याचिका दायर की और स्वास्थ्य एवं विधि विभागों सहित राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति ए जे शास्त्री की खंडपीठ ने स्वत:संज्ञान लेते हुए यह पीआईएल दायर की। पीठ ने राज्य में इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाये जाने वाले विभिन्न कदमों का अपने आदेश में उल्लेख किया।
अदालत ने सरकार और इसके विभागों को ‘‘निर्देशों की स्थिति’’ के सिलिसले में एक हफ्ते के अंदर हलफनामे दाखिल करने को कहा। अदालत ने सरकार से यह भी कहा कि वह गुजरात में कोरोना वायरस से यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है तो उसका ब्योरा दे। साथ ही, उनके उपचार के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी दी। इस विषय की सुनवाई 20 मार्च को की जाएगी।