कोरोना संकटः 3 मई के बाद भी 170 हॉटस्पॉट जिलों में जारी रखें लॉकडाउन, 21 सदस्यीय टास्क फोर्स ने की सिफारिश
By हरीश गुप्ता | Updated: April 24, 2020 06:48 IST2020-04-24T06:48:15+5:302020-04-24T06:48:15+5:30
कोरोना वायरसः अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण देश के 720 जिलों में कोविड-19 हॉटस्पॉट जिले भले ही कुल जिलों का 23 प्रतिशत हों, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में इनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण है. साथ ही देश की 36 प्रतिशत आबादी इन्हीं जिलों में रहती है.

3 मई के बाद भी 170 हॉटस्पॉट जिलों में जारी रखें लॉकडाउन। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: डॉ. वी.के. पॉल की अध्यक्षता वाले 21 सदस्यीय टास्क फोर्स ने देश के विभिन्न प्रदेशों में फैले 170 हॉटस्पॉट जिलों में 3 मई के बाद भी लॉकडाउन जारी रखने की सिफारिश की है. टास्क फोर्स के मुताबिक अगर अगले एक हफ्ते में इन जिलों में स्थिति में सुधार नहीं होता तो कोविड-19 के कारण लागू कड़े प्रतिबंध कायम ही रखे जाने चाहिए.
यह है खतरा: टास्क फोर्स द्वारा कोरोना महामारी की स्थिति के किए गए विश्लेषण के मुताबिक कंटेनमेंट इलाकों में कोविड-19 का प्रकोप अभी चरम पर नहीं पहुंचा है. ऐसे में किसी भी किस्म की रियायत महामारी को अधिक घातक बना सकती है. 27 को होगा तय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 27 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होना है.
माना जा रहा है कि टास्क फोर्स के मत को ध्यान में रखते हुए इस बैठक के बाद लॉकडाउन को लेकर फैसला लिया जा सकेगा. डॉ. वी.के. पॉल, सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग के भी सदस्य (स्वास्थ्य) हैं. कोविड-19 महामारी के विभिन्न पहलुओं से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने 29 मार्च को 10 बड़े समूहों और टास्क फोर्स का गठन किया था.
अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण देश के 720 जिलों में कोविड-19 हॉटस्पॉट जिले भले ही कुल जिलों का 23 प्रतिशत हों, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में इनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण है. साथ ही देश की 36 प्रतिशत आबादी इन्हीं जिलों में रहती है.
टास्क फोर्स को अभी भी ऑरेंज और ग्रीन जोन्स में मौजूद समस्या की विकरालता से जुझना पड़ रहा है. अनपेक्षित इलाकों से नये मरीजों के सामने आने और 69 प्रतिशत मरीजों के बिना लक्षण वाले होने से मामला उलझ गया है. कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े नेशनल टास्क फोर्स की राय में मामलों में दोगुने इजाफे वाले बड़े समूहों या जिलों में कम्प्लीट लॉकडाउन जारी ही रखा जाए.
यहां रियायत संभव: हालांकि ऐसे इलाके जहां कोविड-19 का एक भी एक्टिव मामला न हो और स्थिति सामान्य होती जा रही हो, लॉकडाउन में आंशिक ढील पर टास्क फोर्स को कोई ऐतराज नहीं है. इस दौरान प्रभावित और गैर-प्रभावित इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य सरकार की होगी. टास्क फोर्स ने लॉकडाउन हटने के बाद धार्मिक समागमों में लोगों के जमावड़े से कोरोना वायरस के फैलने की भी आशंका जताई है.