असम में लॉकडाउन को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की झूठी अफवाहें भी फैल रहीं है। इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने आधिकारी बयान जारी कर निराधार बताया है। दरअसल, असम सरकार द्वारा कथित रूप से लगाए गए कई प्रतिबंधों को सूचीबद्ध करने वाली एक पोस्ट व्हाट्सएप पर वायरल हो रही है।
वायरल पोस्ट में यह दावा किया गया है कि असम में पूर्ण तालाबंदी कर दी गई है और राज्य भर में परिवहन सेवाएं निलंबित हैं। असम की सीमाओं को बंद करने और प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी उल्लेख पोस्ट में किया गया है।आधिकारी बयान में कहा गया, 'लॉकडाउन को लेकर व्हाट्सएप पर संदेश प्रसारित किया जा रहा है, जो पूरी तरह से निराधार है। अगर सरकार इस तरह का कोई निर्णय लेती है तो हम सभी को बताएंगे। सभी से अनुरोध है कि घबराएं नहीं।'
फेक सर्कुलेशन में लिखा गया है, 'बस, ट्रेन, कार, कैब, दोपहिया वाहन टैक्सी-सभी प्रकार के सार्वजनिक और निजी परिवहन 100% पर बंद हो जाएंगे। आवश्यक सेवाओं के सामानों को छोड़कर सभी अंतरराज्यीय सीमाएं बंद रहेंगी। पुलिस महामारी संबंधी बीमारियों अधिनियम 997 और इच्छाशक्ति का सख्ती से पालन करेगी। इस तरह किसी भी तरह के आदेश का राज्य सरकार ने सिरे से इनकार किया है।
बता दें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को रोकने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान की प्रतिक्रिया स्वरूप असम में करोड़ों लोगों के अपने घरों से नहीं निकलने के साथ ही शहर के बाजार बंद रहे और सड़कों से वाहन नदारद रहे। यह 14 घंटे का स्वैच्छिक कर्फ्यू सुबह सात बजे से लागू हुआ लेकिन राज्य के लोगों ने शनिवार रात से ही घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ट्वीट के जरिए कहा, “मैं जनता कर्फ्यू में शामिल हो रहा हूं और आज घर पर ही रहूंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में हम कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयार हैं। साथ मिलकर हम कोरोना वायरस को हरा सकते है।”
स्वैच्छिक कर्फ्यू की प्रधानमंत्री की इस अपील से अत्यावश्यक सेवाओं को छूट है लेकिन राज्य में दवाइयों की कई दुकानों ने भी अपने शटर बंद ही रखे। गुवाहाटी में, लोग घरों के भीतर रहे और सभी बाजार एवं कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। जिलों में भी इसी तरह के नजारे देखने को मिले जहां राष्ट्रीय राजमार्ग सूने पड़े रहे और बाजार बंद रहे। कुछ दोपहिया वाहन और निजी कार सुबह सड़कों पर नजर आए जो दूध और ब्रेड जैसी जरूरी चीजें लेने बाहर निकले थे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बताया कि वैश्विक महामारी के मद्देनजर असम में 21 मार्च तक कुल 1।72 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है। रोजाना के बुलेटिन में विभाग ने बताया कि राज्य के छह हवाईअड्डों पर 26,094 यात्रियों की जांच की गई जबकि तीन भूमि पत्तनों - दररंगा, मनकाचर और सुतरकांडी में 7,181 यात्रियों की जांच की गई। रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों जैसे अन्य स्थानों पर 1,38,919 लोगों की जांच की गई