एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोग करा सकेंगे टीकाकरण, जानिए पंजीकरण नियम
By एसके गुप्ता | Updated: March 30, 2021 20:13 IST2021-03-30T19:41:57+5:302021-03-30T20:13:42+5:30
कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र से हैं और दिल्ली भी एक जिले के रूप में इस सूची में शामिल है।

यदि मामले तेजी से बढ़े तो स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली चरमरा जाएगी।
नई दिल्लीः केंद्र ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी स्थिति ‘‘बद से बदतर हो रही है’’ और यह खास तौर पर कुछ राज्यों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इसने कहा कि पूरा देश जोखिम में है और किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि पंजाब न तो पर्याप्त संख्या में जांच कर पा रहा है और न ही कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को तत्काल आइसोलेशन में भेज पा रहा है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग टीकाकरण के लिए पात्र होंगे। लोग कोविन एप के माध्यम से वैक्सीनेशन लिए एडवांस बुकिंग कर सकते हैं।
जो लोग कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते, वह दोपहर 3 बजे के बाद अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र पर जाकर ऑन साइट पंजीकरण कर सकते हैं। http://cowin.gov.in. यहां कर सकते हैं। भारत में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना के 56,211 नए मामले सामने आए हैं और 271 लोगों की मौत हुई है। देश के सर्वाधिक कोरोना संक्रमित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र के हैं।
Those who want to go for on-site registration are requested to go to their nearest vaccination centre after 3 pm with any identity document. Usually people with Aadhaar Card & voter ID. But you can also produce bank passbook, passport, ration card: Union Health Secy R Bhushan
— ANI (@ANI) March 30, 2021
इनमें पुणे, मुंबई, नागपुर, ठाणे, नाशिक, औरंगाबाद, बेंगलुरु शहरी, नांदेड़, दिल्ली और अहमदनगर जिला शामिल है। पुणे (59,475), मुंबई (46,248), नागपुर (45,322), ठाणे (35,264), नासिक (26,553), औरंगाबाद (21,282), बेंगलुरु नगरीय (16,259), नांदेड़ (15,171), दिल्ली (8,032) और अहमदनगर (7,952) शामिल हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कोरोना स्थिति पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि राज्यों को टेस्टिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर टेस्टिंग कम होगी तो संक्रमित होने के बावजूद लोग ट्रीटमेंट से दूर रहेंगे और इससे स्थिति गंभीर हो जाएगी।
राज्यों से कहा है कि वह कलस्टर में एंटीजन किट टेस्टिंग करें, जिससे कोरोना ट्रेसिंग में मदद मिलेगी और आरटीपीसीआर टेस्टिंग का स्तर कम से कम 70 फीसदी तक लाएं। कोराना टास्क फोर्स के चेयरमैन और नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पॉल ने कहा कि कई जिलों में बेहद ही गंभीर स्थिति का हम सामना कर रहे हैं, इससे पूरे देश पर खतरा है। वायरस को रोकने और जान बचाने के लिए सभी प्रयास किए जाने की जरूरत है। राजेश भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 3,37,928 सक्रिय मामले हैं।
The weekly national average positivity rate is 5.65%. Maharashtra has a weekly average of 23%, Punjab has a weekly average of 8.82%, Chhattisgarh 8%, Madhya Pradesh 7.82%, Tamil Nadu 2.50%, Karnataka 2.45%, Gujarat 2.2% & Delhi 2.04%: Union Health Secy Rajesh Bhushan#COVID19pic.twitter.com/6rpygMIvbe
— ANI (@ANI) March 30, 2021
फरवरी के दूसरे सप्ताह में औसतन एक दिन में 3,000 नए केस आ रहे थे। अब एक दिन में 34,000 मामले आ रहे हैं। महाराष्ट्र में फरवरी के दूसरे सप्ताह में एक दिन में 32 मृत्यु हो रही थी, यह बढ़कर 118 हो गई है। देश का साप्ताहिक राष्ट्रीय औसत पॉजिटिविटी रेट 5.65 फीसदी है।
महाराष्ट्र का साप्ताहिक औसत पॉजिटिविटी रेट 23 फीसदी है, पंजाब का साप्ताहिक औसत 8.82 फीसदी, छत्तीसगढ़ का 8 फीसदी, मध्य प्रदेश का 7.82 फीसदी, तमिलनाडु का 2.50 फीसदी, कर्नाटक का 2.45 फीसदी, गुजरात का 2.2 फीसदी और दिल्ली का 2.04 फीसदी है। देश में अब तक यूके वेरियेंट वाले 807 कोरोना मरीज मिले हैं, दक्षिण अफ्रीका वेरिंयट वाले 47 और ब्राजील वेरियंट वाला एक मरीज मिला है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को राज्यों के साथ दोपहर में हुई बैठक में राज्यों के प्रतिनिधियों से पूछा गया कि मामले बढ़ने के बावजूद टेस्ट क्यों नहीं बढ़ाए जा रहे हैं?
We are facing an increasingly severe and intensive situation in some districts but the whole country is potentially at risk. All efforts to contain the virus and save lives should be taken: Dr VK Paul, Member-Health, Niti Aayog on current COVID19 situation in the country pic.twitter.com/zhLwZE4gbH
— ANI (@ANI) March 30, 2021
हमने पाया कि अधिकांश राज्यों में आइसोलेशन नहीं हो रहा है। लोगों को घर पर अलग-थलग करने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन इसके लिए निगरानी की जानी चाहिए, क्या वास्तव में राज्य ऐसा कर पा रहे हैं? यदि वे नहीं कर सकते हैं तो उन्हें संस्थागत रूप से अलग होना चाहिए। आरटीपीसीआर टेस्टिंग बढ़ानी जरूरी है।
कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सब्जी विक्रेता, दूध वाले, अखबार वाले, नाई आदि की ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट जरूरी है। लोग सही तरीके से मास्क नहीं पहन रहे हैं, गले या कान पर मास्क लटकाने वालों को सही से मास्क पहनने के लिए दंडात्मक कार्रवाई करें। इसके अलावा राज्यों के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाने के साथ वैक्सीनेशन कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए कहा गया है।