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राजस्थान में कोरोना टेस्टिंग हुई सस्ती, अब प्राइवेट अस्पताल व लैब में 1200 रुपये में होगी जांच

By रामदीप मिश्रा | Updated: September 16, 2020 07:03 IST

राज्य सरकार ने परिपत्र जारी कर कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य के वित्तिय संसाधनों पर पड़ने वाले असाधारण प्रभाव को ध्यान में रखते हुए राजकीय व्यय में किफायत बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

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ठळक मुद्देराजस्थान में और प्राइवेट अस्पतालों और लैबों में कोविड-19 की जांच की निर्धारित दरें कम की गई हैं। अब यह जांच 1200 रुपए में हो सकेगी।

राजस्थान में और प्राइवेट अस्पतालों और लैबों में कोविड-19 की जांच की निर्धारित दरें कम की गई हैं। अब यह जांच 1200 रुपए में हो सकेगी। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट, रिएजेन्टस, वीटीएम किट तथा अन्य कंज्यूमेबल्स की कीमतों में आयी कमी तथा आमजन को कम कीमतों पर जांच सुविधा उपलब्ध कराने को दृष्टिगत रखते हुए सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों एवं विषय-विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श उपरान्त यह निर्णय लिया गया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोडा ने आज इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। इस आदेश के अनुसार आमजन को कम कीमतों पर सहज एवं सुलभ जांच सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020 की धारा 4 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एनएबीएल मान्यता प्राप्त एवं आईसीएमआर से कोविड-19 की जांच हेतु अनुमोदित निजी जांच प्रयोगशालाओं में कोविड- 19 की आरटी-पीसीआर जांच की अधिकतम दर 1200 रुपये मय जीएसटी निर्धारित की गयी है।

वहीं, राज्य सरकार ने परिपत्र जारी कर कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य के वित्तिय संसाधनों पर पड़ने वाले असाधारण प्रभाव को ध्यान में रखते हुए राजकीय व्यय में किफायत बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

बताया गया है कि वर्ष 2020-21 के बजट की विभिन्न मदों जैसे कार्यालय व्यय, यात्रा व्यय, कम्प्यूटर अनुरक्षण, स्टेशनरी, मुद्रण एवं लेखन, प्रकाशन, पुस्तकालय तथा पत्र-पत्रिकाओं पर व्यय के लिए उपलब्ध धनराशि का व्यय इस वित्तीय वर्ष में 70 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा। साथ ही, पीओएल मद में स्वीकृत प्रावधान के विरूद्ध व्यय को भी 90 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त, निरंजन आर्य ने बताया कि सरकार को कोविड-19 महामारी की चुनौती से लड़ने के लिए राज्य के सीमित संसाधनों का समुचित उपयोग करना होगा। सभी विभागों एवं कार्यालयों में कुशल प्रबंधन अपनाते हुए किफायत बरतने की आवश्यकता है। महामारी के कारण राजकीय व्यय के विनियमन के लिए पूर्व में जारी किए गए किफायत परिपत्रों की निरंतरता में यह दिशा निर्देश तुरन्त प्रभाव से जारी किये जा रहे है।

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