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कोरोना संकट: दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में बस चुके भारतीय अब स्वदेश लौटने को बेताब, विदेश मंत्रालय में अनुरोध का अंबार

By संतोष ठाकुर | Updated: April 18, 2020 07:00 IST

कोरोना महामारी के दौरान विदेशों में फंसे भारतीय ही नहीं बल्कि कई प्रवासी भारतीय भी स्वदेश लौटना चाहते हैं. इसकी वजह भारत में कोरोना का कम प्रभाव और अधिक एहतियात माना जा रहा है.

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ठळक मुद्देकोरोना संकट की घड़ी में विदेशों में फंसे भारतीय ही नहीं बल्कि कई प्रवासी भारतीय भी स्वदेश लौटना चाहते हैंइसकी वजह भारत में कोरोना का कम प्रभाव और अधिक एहतियात माना जा रहा है.

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान विदेशों में फंसे भारतीय ही नहीं बल्कि कई प्रवासी भारतीय भी स्वदेश लौटना चाहते हैं. इसकी वजह भारत में कोरोना का कम प्रभाव और अधिक एहतियात माना जा रहा है. विदेशों में बस चुके कई भारतीयों ने वहां स्थित भारतीय दूतावासों से संपर्क कर उन्हें भारत भेजने का अनुरोध किया है.

विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें दुनिया के विभिन्न मुल्कों में बसे प्रवासी भारतीयों की ओर से बड़ी संख्या में अनुरोध हासिल हो रहे हैं कि उन्हें भी भारत ले जाने के लिए भारत सरकार की ओर से कोई योजना बनाई जाए. जब भी विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस ले जाने की प्रक्रि या शुरू की जाए तो उन्हें भी इसी दौरान साथ ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. इस तरह का अनुरोध करने वालों में पीआईओ कार्ड धारक के साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे भारतीय भी हैं जिनके पास पीआईओ या ओआईसी कार्ड नहीं है.

अधिकारी के मुताबिक इस तरह के सबसे ज्यादा अनुरोध अमेरिका, इंग्लैंड, इटली, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन से आ रहे हैं, जहां पर कोरोना की वजह से सबसे अधिक मौत के मामले सामने आए हैं. इन प्रवासी भारतीयों का कहना है कि संकट के समय में भारत सरकार को अपने प्रवासी नागरिकों को वापस लाने के लिए विशेष कदम उठाने चाहिए. भारत की अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान भी है. विभिन्न अवसरों पर प्रवासी भारतीयों ने अपनी भूमिका भी अदा की है. ऐसे में भारत सरकार को हमारे स्वदेश लौटने को लेकर भी सोचना चाहिए.

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