नई दिल्लीः कोरोना के बढ़ते कहर पर केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ शुक्रवार को वर्चुअल बैठक की।
दो घंटों चली इस बैठक में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर चर्चा के साथ राज्यों को सख्त कदम उठाने के लिए कहा गया है। राज्यों से कहा गया है कि जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं और उचित दूरी के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनसे सख्ती से निपटा जाए। पिछले 24 घंटे में देश में 81466 नए मामले आए हैं और 469 लोगों की मौत हुई है।
देश में हर दिन के साथ कोरोना के नए बढ़ रहे हैं। कोरोना की ये दूसरी लहर बेहद तेजी से नागरिकों को अपनी चपेट में ले रही है। देश में कई जगहों पर लॉकडाउन लगाया जा चुका है। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने सभी राज्यों के सचिवों से महामारी रोकने के लिए वैक्सीनेशन बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। साथ ही निर्देश दिए कि राज्य कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करवाएं।
बैठक में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, कर्नाटक, केरल, चंडीगढ़, गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और हरियाणा राज्यों के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और डीजी पुलिस शामिल थे। इन्हें कहा गया कि सितंबर 2020 में रोजाना 91 हजार कोरोना संक्रमित मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जिसे अब तक कोरोना महामारी को पीक माना गया है। लेकिन मार्च माह में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है।
अप्रैल माह के पहले दिन 81 हजार से ज्यादा मामले आना गंभीर स्थिति को दर्शाता है। कोरोना संक्रमितों की संख्या रोज बढ़ रही है। इस समय यानि मार्च 2021 में कोरोना संक्रमण की रोजाना ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी है जबकि जून 2020 में कोरोना संक्रमण की ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी थी। यह स्थिति पिछले कोरोना पीक से गंभीर है। कोरोना टास्क फोर्स के चेयरमैन और नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पॉल ने राज्यों को कोरोना रोकथाम के लिए क्लिनिकल मॉडल की एक प्रजेंटेशन भी दी।
कैबिनेट सचिव ने सभी राज्य सरकारों के प्रमुखों से अपने-अपने प्रदेशों में ट्रेस, ट्रैक और ट्रीटमेंट के फॉर्म्यूले पर सख्ती से काम करने के लिए कहा है। कुछ राज्यों में कोरोना के डबल वैरिएंट केस देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में राज्यों के मुख्य सचिवों को ज्यादा सजग रहने की जरूरत है।
कैबिनेट सचिव ने राज्यों से कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है तो उसके संपर्क में आए सभी लोगों को ट्रेस, ट्रैक और ट्रीटमेंट देने के फार्मूले पर काम करके ही कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है।
बैठक की खास बातें :
- राज्य कोरोना टेस्टिंग इतनी बढ़ा दी कि उसके अनुपात में कोरोना पॉजिटिविटी दर 5 फीसदी तक गिर जाए
- राज्यों में आरटीपीसीआर टेस्टिंग 70 फीसदी होनी चाहिए
- लैब से टेस्टिंग रिपोर्ट आने के समय में कमी की जाए। जिससे संक्रमित व्यक्ति को समय पर उपचार मिले और वह ज्यादा लोगों के संपर्क में न आ सके।
- अधिक जनसंख्या वाली जगहों पर रेपिड एंटीजन किट से कोरोना टेस्टिंग की जाए
- ऐसे लोग जो रेपिड एंजीटजन टेस्ट में निगेटिव हैं और उनमें कोरोना के लक्षण हैं तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट जरूर कराया जाए।
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए कम से कम 25 से 30 लोगों को ट्रेस करके उन्हें सही उपचार या मॉनिटरिंग में रखा जाए।
- राज्यों से आईसीयू बैड बढ़ाने, अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर और कोरोना केयर टीम बढ़ाने को कहा गया है।
- इसके अलावा हेल्थ वर्कर्स का 100 फीसदी वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने और स्थिति की गंभीरता पर नियमित बैठक कर मॉनिटरिंग करने को कहा गया है।