रेलवे स्टेशन पर फ्री वाईफाई का कुली ने इस्तेमाल कर पास की सिविल सर्विस की परीक्षा
By रामदीप मिश्रा | Updated: May 9, 2018 05:44 IST2018-05-09T05:12:26+5:302018-05-09T05:44:28+5:30
रेलवे स्टेशन के वाई-फाई का इस्तेमाल कर एक कुली ने केरल पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास कर ली है। युवक का नाम श्रीनाथ है।

रेलवे स्टेशन पर फ्री वाईफाई का कुली ने इस्तेमाल कर पास की सिविल सर्विस की परीक्षा
नई दिल्ली, 9 मईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए कई स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा शुरू की गई। इस सुविधा का किसी ने दुरुपयोग किया तो किसी ने इससे सिविल सर्विस की परीक्षा को पास कर लिया। साल 2016 के अक्टूबर में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया था कि बिहार की राजधानी के पटना स्टेशन पर वाई-फाई से लोग जमकर पॉर्न सर्च कर रहे हैं। रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार का जमकर मजाक उड़ाया गया था, लेकिन अब एक ऐसी खबर सामने आई है जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है।
वीडियोज की मदद से की पढ़ाई
दरअसल, रेलवे स्टेशन के वाई-फाई का इस्तेमाल कर एक कुली ने केरल पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास कर ली है। युवक का नाम श्रीनाथ है जोकि केरल के एर्नाकुलम जंक्शन पर पिछले 5 सालों से बतौर कूली काम करता था। उसने रेलवे स्टेशन के वाईफाई की मदद से पढ़ाई की। वह अपनी पढ़ाई मोबाइल में वीडियोज की मदद से करता था। उनके पास अपने फोन और ईयरफोन के अलावा कोई किताब भी नहीं थी, लेकिन वाईफाई ने उसकी जिंदगी बदल दी।
काम करते समय ऐसे की पढ़ाई
खबरों के मुताबिक, श्रीनाथ का कहना है कि उसने तीन बार परीक्षा में बैठा है, लेकिन पहली बार उसने अपनी तैयारी के लिए रेलवे के फ्री वाईफाई का इस्तेमाल किया। उसने बताया कि कुली के रूप जब लोगों का सामान ढ़ोते थे उस समय अपने कानों में ईयरफोन लगा लेते थे और पढ़ने वाली चीजों को सुनता रहता था। उनका पढ़ाई करने का यही तरीका थी क्योंकि काम के बीच वे इसी तरह पढ़ पाते थे। अगर श्रीनाथ इंटरव्यू भी क्वालीफाई कर लेते हैं तो वे लैंड रेवेन्यू डिपार्टमेंट में बतौर विलेज फील्ड असिस्टेंट नियुक्त किए जाएंगे।
साल 2016 में यह सुविधा हुई थी शुरू
आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2016 डिजिटल इंडिया के तहत रेलवे स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा शुरू की थी। इस सुविधा को फ्री रखा गया है, जिसे स्टेशनों पर कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। साल 2018 के मई तक देशभर के 685 रेलवे स्टेशनों पर ये सुविधा उपलब्ध हो गई है, जबकि भारतीय रेलवे ने मार्च 2019 तक इसे 8500 पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।