बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन को मिल रही है राहत, विभिन्न मौकों पर मिल रहा है पैरोल

By एस पी सिन्हा | Updated: April 10, 2023 16:59 IST2023-04-10T16:59:34+5:302023-04-10T16:59:34+5:30

पूर्व सांसद आनंद मोहन को एक बार फिर से 15 दिनों के लिए पैरोल दिया गया है। इसके बाद वह 15 दिनों के लिए मंडल कारा सहरसा से बाहर आएंगे। 

Convicted former MP Anand Mohan is getting relief after the formation of the Grand Alliance government in Bihar | बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन को मिल रही है राहत, विभिन्न मौकों पर मिल रहा है पैरोल

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन को मिल रही है राहत, विभिन्न मौकों पर मिल रहा है पैरोल

Highlightsगोपालगंज के जिलाधिकारी जी. कृष्‍णैया हत्‍याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से उन्हें विभिन्न मौकों पर पैरोल मिलने लगी हैइसी कड़ी में आनंद मोहन को एक बार फिर से 15 दिनों के लिए पैरोल दिया गया है

पटना:बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से गोपालगंज के जिलाधिकारी जी. कृष्‍णैया हत्‍याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन को राहत मिलने लगी है। राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से उन्हें विभिन्न मौकों पर पैरोल मिलने लगी है। इसी कड़ी में आनंद मोहन को एक बार फिर से 15 दिनों के लिए पैरोल दिया गया है। इसके बाद वह 15 दिनों के लिए मंडल कारा सहरसा से बाहर आएंगे। 

बता दें कि शिवहर के पूर्व सांसद आनंद मोहन को पिछली बार अपनी बेटी सुरभि आनंद की शादी में शामिल होने के लिए फरवरी महीने में 15 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आने की अनुमति मिली थी। इसके पहले सगाई के लिए भी 15 दिनों की पैराल मिली थी। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पप्पू यादव समेत अन्य बड़े चेहरे बाहुबली की बेटी को आशीर्वाद देने पहुंचे थे।

इसके बाद अब उन्हें बेटे की सगाई से पहले यह पैरोल दिया गया है। आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद राजद से विधायक हैं। चेतन आनंद का 24 अप्रैल को रिंग सेरेमनी होगी। हालांकि, शादी 3 मई को उत्तराखंड में होनी है। इनके जेल से बहार निकलने के बाद समर्थकों को भरोसा है कि इनको जल्द ही रिहाई भी दी जा सकती है। 

फिलहाल बिहार में महागठबंधन की सरकार है, ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही आनंद मोहन की रिहाई हो जाएगी। बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन को जिलाधिकारी जी. कृष्णैया हत्याकांड में फांसी की सजा हुई थी। लंबे समय तक मुकदमा चला और आखिरकार उनकी फांसी की सजा आजीवन कारावास में बदल गयी। तब से वे जेल में ही हैं। 

दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले में 4 दिसंबर 1994 को आनंद मोहन की पार्टी (बिहार पीपुल्स पार्टी) के नेता रहे छोटन शुक्ला की हत्या हुई थी। इससे अगले दिन 5 दिसंबर को आक्रोशित लोग छोटन शुक्ला के शव के साथ सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान मुजफ्फरपुर के रास्ते पटना से गोपालगंज जा रहे जिलाधिकारी जी. कृष्णैया पर भीड़ ने मुजफ्फरपुर के खबड़ा गांव में हमला कर दिया था। 

आरोप था कि भीड़ का फायदा उठाकर किसी ने जिलाधिकारी की कनपटी में एक गोली भी मार दी थी। मॉब लिंचिंग में जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या ने प्रशासनिक और सियासी हलके में उस वक्त तूफान ला दिया था। तब कृष्णैया सिर्फ 35 साल के थे।
 

Web Title: Convicted former MP Anand Mohan is getting relief after the formation of the Grand Alliance government in Bihar

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