आसनसोल टीकाकरण शिविर में तृणमूल कांग्रेस की नेता के कोविड टीका देने पर विवाद
By भाषा | Updated: July 3, 2021 22:16 IST2021-07-03T22:16:28+5:302021-07-03T22:16:28+5:30

आसनसोल टीकाकरण शिविर में तृणमूल कांग्रेस की नेता के कोविड टीका देने पर विवाद
आसनसोल (पश्चिम बंगाल), तीन जुलाई पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्द्धमान जिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की एक नेता ने टीकाकरण शिविर में शनिवार को एक महिला को कोविड-19 का टीका लगाया, जिससे विवाद खड़ा हो गया।
घटना कुल्टी के सीतारामपुर गांव की है। आसनसोल नगर निगम (एएमसी) की पूर्व उप महापौर तबस्सुम आरा ने एक स्वास्थ्यकर्मी से टीके वाली सिरिंज लेकर रुबिया महतो को सुई लगा दी। बाद में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर आरा ने कहा कि उन्होंने टीकाकरण शिविर में ऐसा कुछ नहीं किया। टीके देने का वीडियो वायरल होने के बाद आरा ने कहा कि वह टीकाकरण को लेकर जागरूकता फैलाने में सहयोग दे रही थीं।
आरा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘लोगों में जागरूकता फैलाने के अलावा मेरा कोई और इरादा नहीं था। मुझे इंसुलिन देने के बारे में अच्छी जानकारी है और कोविड-19 का टीका भी काफी हद तक इसी तरह दिया जाता है।’’ राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने घटना को लेकर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। उनसे पूछा गया है कि एक गैर-चिकित्सकीय व्यक्ति को टीका देने की अनुमति कैसे दी गयी। यह एक दंडनीय अपराध है।’’
सत्तारूढ़ टीएमसी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि राज्य सरकार का अपने प्रशासकों पर कोई नियंत्रण नहीं है। आसनसोल के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुप्रियो ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘एएमसी के प्रशासनिक निकाय की सदस्य और टीएमसी की नेता तबस्सुम आरा ने खुद लोगों को टीका लगाया है और सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में डाली है.. क्या उनका राजनीतिक जुड़ाव उन्हें कड़ी सजा से बचाएगा?’’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी इस घटना को लेकर टीएमसी पर निशाना साधा।
वहीं, राज्यसभा में टीएमसी के उपनेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमारे देश में बिना औपचारिक चिकित्सा शिक्षा के झोलाछाप डॉक्टरों को चिकित्सकीय जिम्मेदारी निभाने की अनुमति है और उस संदर्भ में जागरूकता पैदा करने के लिए किसी व्यक्ति द्वारा टीका लगाने को इतना अधिक तूल नहीं देना चाहिए।
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