कहां हुआ बुद्ध का जन्म, विवादों पर भारत ने माना- 'कोई संदेह नहीं कि बौद्ध धर्म के संस्थापक का जन्म नेपाल में हुआ था'
By पल्लवी कुमारी | Published: August 10, 2020 06:51 AM2020-08-10T06:51:46+5:302020-08-10T08:18:35+5:30
भारत और नेपाल में बीत कुछ महीनों से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों के बीच स्थिति उस वक्त खराब हो गई जब नेपाल की संसद में विवादित नक्शा पास हुआ और भारत के तीन क्षेत्र लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल का दिखाया गया।
नई दिल्ली: आखिर बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म कहां हुआ था? इस पर भारत और नेपाल के बीच लगभग विवाद जैसी स्थिति बन गई थी। सोशल मीडिया पर भी यह विषय काफी चर्चा में रहा। इन सभी विवादों को खारिज करते हुए भारत ने माना है कि बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में हुआ था। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की टिप्पणी ''हमारी साझा बौद्ध विरासत'' के बाद विवाद होने लगा था।
कैसे विदेश मंत्री जयशंकर के बयानों के बाद छिड़ा विवाद
शनिवार (8 अगस्त) को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक वेबिनार में भारत के नैतिक नेतृत्व में बात रखी और बताया कि कैसे भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की सीख आज भी प्रासंगिक हैं। जिसके बाद नेपाली मीडिया में ऐसी खबरें आयी कि जयशंकर ने बुद्ध को भारतीय बताया है।
जिसपर फौरन नेपाल के विदेश मंत्रालय ने आप्पति भी जताई। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने जारी अपने बयान में कहा, यह सु-स्थापित और ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर साबित अकाट्य तथ्य है कि बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में हुआ था।
नेपाल विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि बुद्ध की जन्मस्थली और बौद्ध धर्म की स्थापना से जुड़े स्थानों में से एक लुम्बिनी, यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में से एक है।
भारत ने कहा- कोई संदेह नहीं कि बुद्ध का जन्म नेपाल में हुआ
बढ़ते विवाद के बाद रविवार (9 अगस्त) को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, शनिवार (8 अगस्त) को एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री जयशंकर की ''हमारी साझा बौद्ध विरासत के बारे में थी।'' अनुराग श्रीवास्तव ने कहा भारत को इस बात में कोई संदेह नहीं है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में हुआ था, जो नेपाल में है।
नेपाल और भारत के बीच भगवान श्रीराम के जन्म को लेकर भी हुआ विवाद
गौतम बुद्ध से पहले नेपाल और भारत के बीच भगवान श्रीराम के जन्म को लेकर भी विवाद हुआ था। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने जुलाई में अपने एक बयान में दावा किया था कि ''वास्तविक'' अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं। नेपाल के पीएम ओली ने कहा था, ''भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में हुआ था और वह नेपाली थे।''
काठमांडू में प्रधानमंत्री आवास में नेपाली कवि भानुभक्त की जयंती के अवसर पर पीएम ओली ने कहा था कि नेपाल ''सांस्कृतिक अतिक्रमण का शिकार हुआ है और इसके इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।'' भानुभक्त का जन्म पश्चिमी नेपाल के तानहु में 1814 में हुआ था और उन्होंने वाल्मीकि रामायण का नेपाली में अनुवाद किया था। उनका देहांत 1868 में हुआ था।
ओली ने कहा था, हालांकि वास्तविक अयोध्या बीरगंज के पश्चिम में थोरी में स्थित है, भारत अपने यहां भगवान राम का जन्मस्थल होने का दावा करता है।'' ओली ने कहा था कि इतनी दूरी पर रहने वाले दूल्हे और दुल्हन का विवाह उस समय संभव नहीं था जब परिवहन के साधन नहीं थे।