‘देर रात पार्टी में न जाएं, आपके साथ सामूहिक बलात्कार हो सकता’ और ‘अपने दोस्त के साथ अंधेरे और सुनसान इलाके में न जाएं?’, अहमदाबाद यातायात पुलिस के पोस्टर पर विवाद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 2, 2025 15:52 IST2025-08-02T15:51:32+5:302025-08-02T15:52:28+5:30

लिखा था, ‘‘देर रात पार्टी में न जाएं, आपके साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार हो सकता है’’ और ‘‘अपने दोस्त के साथ अंधेरे और सुनसान इलाके में न जाएं, अगर उसके साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार हो गया तो?’’

controversy over Ahmedabad Traffic Police poster Don't go to late night parties you may be gang raped and 'Don't go to dark and deserted areas with your friend?' | ‘देर रात पार्टी में न जाएं, आपके साथ सामूहिक बलात्कार हो सकता’ और ‘अपने दोस्त के साथ अंधेरे और सुनसान इलाके में न जाएं?’, अहमदाबाद यातायात पुलिस के पोस्टर पर विवाद

file photo

Highlightsसोला और चांदलोडिया इलाकों में सड़क डिवाइडर पर लगाए गए थे, जिन्हें अब हटा लिया गया है। सुरक्षा से जुड़े पोस्टरों को प्रायोजित किया था, न कि महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित पोस्टरों को प्रायोजित किया गया था।'सतर्कता ग्रुप' नामक एक एनजीओ ने ट्रैफिक पुलिस की सहमति के बिना विवादित पोस्टर बनाए और लगाए।

अहमदाबादः अहमदाबाद यातायात पुलिस द्वारा सुरक्षा अभियान के लिए कथित तौर पर प्रायोजित पोस्टरों ने विवाद खड़ा कर दिया है, क्योंकि इनमें से कुछ पोस्टरों में महिलाओं को बलात्कार से बचने के लिए घर पर रहने का आग्रह किया गया है। शहर के कुछ इलाकों में चिपकाए गए इन पोस्टरों की विपक्ष ने आलोचना की है। इन पोस्टरों को शहर के कुछ इलाकों में लगाया गया था, जिनमें लिखा था, ‘‘देर रात पार्टी में न जाएं, आपके साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार हो सकता है’’ और ‘‘अपने दोस्त के साथ अंधेरे और सुनसान इलाके में न जाएं, अगर उसके साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार हो गया तो?’’

यह पोस्टर सोला और चांदलोडिया इलाकों में सड़क डिवाइडर पर लगाए गए थे, जिन्हें अब हटा लिया गया है। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम यातायात) नीता देसाई ने स्पष्ट किया कि ट्रैफिक पुलिस ने केवल सड़क सुरक्षा से जुड़े पोस्टरों को प्रायोजित किया था, न कि महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित पोस्टरों को प्रायोजित किया गया था।

उन्होंने दावा किया कि 'सतर्कता ग्रुप' नामक एक एनजीओ ने ट्रैफिक पुलिस की सहमति के बिना विवादित पोस्टर बनाए और लगाए। देसाई ने कहा, ‘‘एनजीओ ने हमसे संपर्क किया था और कहा था कि वे स्कूलों और कॉलेजों में यातायात जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं और इसके लिए वे हमारे कर्मचारी की सहायता चाहते हैं।

उन्होंने हमें केवल यातायात जागरूकता से जुड़े पोस्टर दिखाए थे, ये विवादित पोस्टर नहीं। ये हमारी जानकारी के बिना लगाए गए और जैसे ही हमें पता चला, हमने इन्हें तुरंत हटवा दिया।’’ इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर निशाना साधा है और राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।

आप ने एक बयान में कहा, ‘‘गुजरात में महिलाओं के सशक्तीकरण की बात करने वाली भाजपा सरकार की हकीकत कुछ और ही है। पिछले तीन वर्षों में राज्य में 6,500 से अधिक बलात्कार और 36 से अधिक सामूहिक बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं। औसतन हर दिन पांच से अधिक बलात्कार होते हैं।’’

बयान में आगे कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री और भाजपा नेता महिला सुरक्षा की बातें करते हैं, लेकिन अहमदाबाद जैसे बड़े शहर में ऐसे पोस्टर गुजरात की सच्चाई को बयां करते हैं। हमारा मुख्यमंत्री से सवाल है कि क्या गुजरात की महिलाएं रात में घर से बाहर निकल सकती हैं या नहीं?’’

Web Title: controversy over Ahmedabad Traffic Police poster Don't go to late night parties you may be gang raped and 'Don't go to dark and deserted areas with your friend?'

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