उपभोक्ता को पैकेट में एक बिस्किट कम मिला, कंपनी को देना पड़ा एक लाख रुपये का हर्जाना, जानिए पूरा मामला

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 6, 2023 06:41 PM2023-09-06T18:41:44+5:302023-09-06T18:42:47+5:30

शिकायतकर्ता चेन्नई के पी. दिलीबाबू ने आरोप लगाया कि पैकेट पर इस बात का उल्लेख था कि इसमें 16 बिस्कुट हैं। लेकिन जब उन्होंने इसे खोला तो एक बिस्किट कम मिला।

consumer got one biscuit less in the packet Sunfeast Marie Light ITC Ltd had to pay compensation of lakh rupees | उपभोक्ता को पैकेट में एक बिस्किट कम मिला, कंपनी को देना पड़ा एक लाख रुपये का हर्जाना, जानिए पूरा मामला

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsजिला उपभोक्ता मंच ने आईटीसी लिमिटेड को दिया आदेशएक उपभोक्ता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दियापैकेट में एक बिस्किट कम निकला था

तिरुवल्लुर: भारतीय कानून ने आम आदमी को इतनी ताकत दी है कि अगर उसे अपने अधिकार पता हों तो बड़ी से बड़ी रसूखदार कंपनियों को भी एक गलती के लिए झुकना पड़ सकता है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है तमिलनाडु राज्य के तिरुवल्लूर जिले से। दरअसल यहां एक उपभोक्ता ने आईटीसी लिमिटेड के खिलाफ एक केस जीता है और अब उसे  एक लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। 

क्या है मामला

तमिलनाडु राज्य के तिरुवल्लूर जिले के जिला उपभोक्ता मंच ने आईटीसी लिमिटेड खाद्य प्रभाग को अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए एक उपभोक्ता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता ने यह शिकायत की थी कि कंपनी के बिस्कुट ब्रांड सनफीस्ट मेरी के लाइट के पैकेट में उसे एक बिस्कुट कम मिला था। शिकायतकर्ता चेन्नई के पी. दिलीबाबू ने आरोप लगाया कि पैकेट पर इस बात का उल्लेख था कि इसमें 16 बिस्कुट हैं। लेकिन जब उन्होंने इसे खोला तो एक बिस्किट कम मिला। 

मामला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम पहुंचा। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने अपने आदेश में उपभोक्ता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। साथ ही कंपनी को बैच संख्या 0502सी36 में विवादित बिस्कुट 'सनफीस्ट मेरी लाइट' की बिक्री बंद करने का भी निर्देश दिया। उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने कंपनी की इस दलील को खारिज कर दिया कि बिस्कुट के वजन के संबंध में दी गई चुनौती लागू नहीं होगी।

आदेश में कहा गया है, ‘पहले कंपनी के वकील ने यह तर्क दिया कि उत्पाद केवल वजन के आधार पर बेचा गया था, न कि बिस्कुट की संख्या के आधार पर। ऐसे तर्कों को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि रैपर स्पष्ट रूप से खरीदारों को जानकारी प्रदान करता है। उपभोक्ताओं को केवल बिस्कुट की संख्या के आधार पर उत्पाद खरीदना होगा। मौजूदा मामले में सबसे बड़ा आरोप बिस्कुट की कम संख्या को लेकर ही है। इसके बाद उपभोक्ता फोरम ने निर्देश दिया कि कंपनी दिलीबाबू को मुआवजे के रूप में एक लाख रुपये और मुकदमा खर्च के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करे। 

Web Title: consumer got one biscuit less in the packet Sunfeast Marie Light ITC Ltd had to pay compensation of lakh rupees

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