दलित वोट बैंक के लिए कांग्रेस का नया फॉर्मूला, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनावों में आजमाएगी

By भाषा | Published: September 1, 2019 01:12 PM2019-09-01T13:12:43+5:302019-09-01T13:16:36+5:30

महाराष्ट्र की 29, हरियाणा की 17 और झारखंड की 9 नौ अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर दलित वोट बैंक को हासिल करने के लिए कांग्रेस ने 'संविधान से स्वाभिमान' यात्रा निकालने की योजना बनाई है।

Congress works on Samvidhan se Swabhiman Yatra for upcoming Assembly Elections to gain Dalit Votes | दलित वोट बैंक के लिए कांग्रेस का नया फॉर्मूला, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनावों में आजमाएगी

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी। (फाइल फोटो- पीटीआई)

Highlightsमहाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में इसी वर्ष के विधानसभा चुनाव होने हैं।इन राज्यों के दलित वोटबैंक के लिए कांग्रेस ने नया फॉर्मूला 'संविधान से स्वाभिमान' यात्रा बनाया है।लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।

महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में दलित मतदाताओं को लामबंद करने के मकसद से कांग्रेस विधानसभा स्तर पर अनुसूचित जाति के समन्वयकों की नियुक्ति करेगी और 'संविधान से स्वाभिमान यात्रा' निकालेगी।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले सप्ताह कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मुलाकात की थी जिसमें उन्हें दलितों के बीच पार्टी के आधार को मजबूत बनाने के लिए तेजी से काम करने का निर्देश दिया गया था।

कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख नितिन राउत के मुताबिक सोनिया गांधी के कहे मुताबिक उनका संगठन दलित समाज को लामबंद करने के लिए कई स्तरों पर काम करने जा रहा है जिसमें हर विधानसभा क्षेत्र में समन्वयक की नियुक्ति और 'संविधान से स्वाभिमान यात्रा' निकालना प्रमुख है।

राउत ने ''पीटीआई-भाषा'' को बताया, ''हम सितंबर के पहले सप्ताह तक महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में अपने विभाग के समन्वयकों की नियुक्ति कर देंगे। ये समन्वयक पार्टी के स्थानीय संगठन के साथ मिलकर दलित समाज के इलाकों एवं बस्तियों में सभाओं और जनसंपर्क कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।''

उन्होंने कहा, ''इसके साथ ही हम विधानसभा क्षेत्रों में 'संविधान से स्वाभिमान' यात्रा निकालेंगे। इस यात्रा में मुख्य रूप से आरक्षित सीटों को कवर किया जाएगा।''

महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें अनसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं तो दलित मतदाताओं की संख्या करीब 13 फीसदी है। दूसरी तरफ हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए 17 सीटें आरक्षित हैं। राज्य में दलित मतदाताओं की कुल संख्या तकरीबन 21 फीसदी है जो किसी भी पार्टी की हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से नौ सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। राज्य में दलित मतदाताओं की संख्या 10 फीसदी से अधिक है।

राउत ने कहा, ''दलित मतदाताओं के बीच हम मुख्य रूप से संविधान की मूल भावना पर लगातार हमले किए जाने, आरक्षण को निशाना बनाने, और अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में कटौती किये जाने के मुद्दे उठाएंगे।''

उन्होंने कहा कि उनका संगठन दिल्ली में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने का मुद्दा भी दलित समाज के बीच जोरशोर से उठाएगा। गौरतलब है कि इन तीनों राज्यों में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद ये चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद अहम हैं और इसमें भी दलित मतदाता उसके लिए निर्णायक हैं।

वैसे, इन तीनों राज्यों में दलित मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए कांग्रेस को काफी संघर्ष करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र में प्रकाश अंबेडकर की अगुवाई वाला 'वंचित बहुजन अगाढ़ी' (वीबीए) लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी बड़ी चुनौती बन सकता है तो हरियाणा एवं झारखंड में बसपा और कुछ क्षेत्रीय दल भी दलित मतदाताओं को लामबंद करने की कांग्रेस की कोशिश में बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।

Web Title: Congress works on Samvidhan se Swabhiman Yatra for upcoming Assembly Elections to gain Dalit Votes

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