एनआरसी का विरोध कर रही कांग्रेस में एनपीआर पर अलग-अलग मत! अजय माकन ने कहा- झूठ बोल रही है मोदी सरकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 25, 2019 09:04 IST2019-12-25T09:04:06+5:302019-12-25T09:04:06+5:30
गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को एक इंटरव्यू में एनपीआर के आंकड़ों के एनआरसी से जोड़े जाने से इंकार पर अजय माकन ने कहा कि ये एक बड़ा झूठ है।

एनआरसी का विरोध कर रही कांग्रेस में एनपीआर पर अलग-अलग मत! (फाइल फोटो)
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर देश भर में मचे हंगामे के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के फैसले ने एक बार फिर तय कर दिया है कि राजनीतिक विवाद अभी और बढ़ सकता है। एनपीआर के आंकड़ो को एनआरसी में इस्तेमाल किये जाने की अटकलों ने मुद्दे को और गर्मा दिया है। इस बीच कांग्रेस के अंदर से इस मुद्दे पर अलग-अलग बयान आ रहे हैं।
एनपीआर पर कैबिनेट का फैसला भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के 48 घंटों के भीतर आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके 2014 में सत्ता में आने के बाद से एनआरसी पर कभी कोई चर्चा नहीं हुई। पश्चिम बंगाल और केरल की सरकार ने पहले ही अपने राज्यों में एनपीआर का काम रोक दिया है। हालांकि, चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में सत्ता में काबिज कांग्रेस अभी इस पर स्पष्ट रूख अपनाती नजर नहीं आ रही है और चुप्पी साधे हुए है। कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार नागरिकता कानून और एनआरसी का मुखर विरोध रहा है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को साफ किया कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है। गृह मंत्रालय की ओर से भी कहा जा चुका है फिलहाल एनपीआर के डाटा के आधार पर एनआरसी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है और न ही एनपीआर के दौरान हर घर के शख्स से कोई दस्तावेज लिया जाएगा।
एनपीआर पर कांग्रेस में अलग-अलग मत
सरकार की दी जा रही तमाम सफाई के बावजूद विपक्ष में कई नेता कह रहे हैं कि एनपीआर खुद मे एक गणना प्रक्रिया है। विपक्ष के अनुसार नये कागरिकता कानून और एनआरसी पर विवाद के बीच एनपीआर में माता-पिता के जन्म को लेकर मांगी गई जानकारी एनआरसी के लिए अहम कदम हो सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस नेता और 2011 में हुए पहले एनपीआर के इंचार्ज रहे अजय माकन ने कहा, 'ये हैरान करने वाला है कि रविवार को पीएम मोदी ने कहा कि एनआरसी पर वह आगे नहीं बढ़ रहे हैं और आज कैबिनेट ने एनपीआर के लिए 8,500 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए। एनपीआर क्या है? गृह मंत्रालय की हाल की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि एनपीआर दरअसल एआरआईसी को बनाने की ओर पहला कदम है।'
गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को एक इंटरव्यू में एनपीआर के आंकड़ों के एनआरसी से जोड़े जाने से इंकार पर माकन ने कहा कि ये एक बड़ा झूठ है। माकन ने कहा कि कांग्रेस एनपीआर को इसलिए नहीं लेकर आई कि इसे एनआरसी से जोड़ा जाए। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कांग्रेस ने अभी पूरे मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है।
एनपीआर पर कांग्रेस में अलग-अलग मत
एनपीआर को दरअसल यूपीए सरकार के दौरान ही लाया गया था। इस पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी के ही दो सदस्य मानते हैं कि एनपीआर गलत नहीं है। वहीं, एक अन्य सीनियर कांग्रेस नेता का मानना है कि पार्टी को अपने राज्यों में इसे लागू नहीं करना चाहिए क्योंकि कांग्रेस एनआरसी के खिलाफ एक स्टैंड रखती है।
अखबार के अनुसार कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा, 'एनपीआर दरअसल एनआरसी की ओर ही पहला कदम है। अगर हमने एनआरसी को नहीं कहा है तो हमारी राज्य सरकारों को इसे नहीं करना चाहिए। एनपीआर का मतलब हुआ कि डाटाबेस आपसे पास है। आपको बस इसे थोड़ा दुरुस्त करना होगा।'