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कांग्रेस ने हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर का इस्तीफा मांगा

By भाषा | Updated: January 11, 2021 18:26 IST

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नयी दिल्ली, 11 जनवरी कांग्रेस ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की प्रस्तावित महापंचायत में रविवार को हुए किसानों के हंगामे के लिए प्रदेश सरकार के ‘अड़ियल रवैये’ को जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने यह आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर प्रदेश और केंद्र सरकारें दोहरा रुख दिखा रही हैं।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री जी बार-बार कहते हैं कि ये कानून वापस नहीं होंगे। इसी हठ ने आज स्थिति को यहां तक पहुंचाया है। ये एक तरफ किसानों से बातचीत का दिखावा कर रहे हैं और दूसरी तरफ इनका यह अड़ियल रवैया नजर आ रहा है।’’

सैलजा ने दावा किया, ‘‘मुख्यमंत्री को अपने गृह जिले में फजीहत का सामना करना पड़ा। इन्हें लोगों का समर्थन नहीं प्राप्त है। महापंचायत करने के नाम पर पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसानों पर आंसू गैस के गोले किसने छोड़े, लाठियां किसने बरसाईं और किसने सड़कें खोदीं। हरियाणा सरकार ने यह सब करवाया। किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, लेकिन किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, ‘‘ये किसानों के विरोध के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह जनांदोलन है। हमने इन कानूनों का विरोध किया और विरोध करते रहेंगे। हम अपना राजनीतिक संघर्ष जारी रखेंगे। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा की स्थिति के लिए पूरी तरह वहां की सरकार जिम्मेदार है। हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और यह सरकार जानी चाहिए। सरकार का समर्थन कर रहे विधायकों को इस सरकार से अलग होना चाहिए।’’

कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल ने कहा, ‘‘हरियाणा और केंद्र सरकार सत्ता के नशे में विरोध की अनदेखी कर रही है। उच्चतम न्यायालय ने भी कानूनों पर रोक लगाने की जरूरत बताई, लेकिन सरकार हठधर्मिता कर रही है। अब भी सरकार चेतना चाहिए और इन कानूनों को रद्द करना चाहिए।’’

गौरतलब है कि हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर रविवार को तोड़फोड़ की, जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लोगों के समक्ष केंद्र के तीन कृषि कानूनों के ‘‘लाभ’’ को बताने वाले थे।

हरियाणा पुलिस ने किसानों को कैमला गांव की ओर मार्च करने से रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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