कांग्रेस ने तीन तलाक विरोधी विधेयक की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए
By भाषा | Published: July 31, 2019 12:27 AM2019-07-31T00:27:55+5:302019-07-31T00:27:55+5:30
संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी।
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को आपराधिक कृत्य बनाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस प्रथा को उच्चतम न्यायालय ‘‘शून्य एवं अमान्य’’ करार दे चुका है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘हमने बुनियादी तौर पर इस विधेयक का समर्थन किया था। हम इसमें संशोधन चाहते थे ताकि मुस्लिम महिलाओं को सहयोग मिल सके। हमारा विरोध दो-तीन मुद्दों पर था।’
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक को ‘‘शून्य एवं अमान्य’ कर दिया है, ऐसे में इसे फौजदारी का मामला बनाने की क्या जरूरत है।
गौरतलब है कि संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।