बिहार में दलित नेता पर दांव लगाने की तैयारी में कांग्रेस, कई नेताओं को आपत्ति

By भाषा | Updated: September 4, 2021 16:51 IST2021-09-04T16:51:39+5:302021-09-04T16:51:39+5:30

Congress preparing to bet on Dalit leader in Bihar, many leaders object | बिहार में दलित नेता पर दांव लगाने की तैयारी में कांग्रेस, कई नेताओं को आपत्ति

बिहार में दलित नेता पर दांव लगाने की तैयारी में कांग्रेस, कई नेताओं को आपत्ति

कांग्रेस अपनी बिहार इकाई की कमान किसी दलित चेहरे को सौंपने की तैयारी में है और इसमें विधायक राजेश राम का नाम सबसे आगे माना जा रहा है, हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के चयन में सिर्फ जाति नहीं, बल्कि संगठन एवं नेतृत्व की क्षमता तथा वोटबैंक के मुख्य आधार को महत्व दिया जाना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस दलित समुदाय से आने वाले अपने विधायक राजेश राम को प्रदेश इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है तथा उनके साथ सात-आठ कार्यकारी अध्यक्ष भी बना सकती है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद मदन मोहन झा ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। पार्टी उस चुनाव में राजद और वाम दलों के साथ गठबंधन में 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उसे सिर्फ 19 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास औरंगाबाद जिले की कुटुम्बा विधानसभा सीट से विधायक राजेश राम को बिहार प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने के पक्ष में हैं और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘राजेश राम के नाम पर लगभग सहमति बन गई है। हालांकि, इस पर आखिरी फैसला सोनिया गांधी और राहुल गांधी को करना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि दलित नेता को अध्यक्ष बनाया जाता है तो कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर सवर्ण, पिछड़े, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। कुल मिलाकर सभी वर्गों एवं क्षेत्रों को साथ लेकर चलने का प्रयास होगा।’’ सूत्रों के अनुसार, कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में प्रवीण कुशवाहा, कुमार आशीष, चंदन यादव और कई अन्य नेता शामिल माने जा रहे हैं। कांग्रेस की बिहार इकाई में कई ऐसे नेता भी हैं जो राजेश राम को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने के पक्ष में नहीं हैं, हालांकि वे खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि हाल के दशकों में ब्राह्मण और सवर्ण तथा अल्पसंख्यक ही बिहार में कांग्रेस के वोटबैंक का मुख्य आधार रहे हैं और पार्टी को निर्णय करते समय इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके एक नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि कोई भी फैसला वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करके होना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष के लिए सिर्फ जाति मापदंड नहीं होना चाहिए। यह जरूरी है कि प्रदेश अध्यक्ष बनने वाले व्यक्ति में संगठन और नेतृत्व की क्षमता हो और वह बिहार के जातीय एवं क्षेत्रीय संतुलन को समझता हो।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी सिर्फ जाति के आधार पर नहीं, बल्कि पार्टी के हित को ध्यान में रखकर निर्णय करेंगे।’’ कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘पार्टी नेतृत्व तय करेगा कि कौन अध्यक्ष होगा, लेकिन हमें उम्मीद है कि नया अध्यक्ष तय करने में सिर्फ जाति को ध्यान में नहीं रखा जाएगा क्योंकि कांग्रेस सभी समुदायों और जातियों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है।’’’ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य किशोर कुमार झा का दावा है कि नये अध्यक्ष के चयन को लेकर प्रदेश प्रभारी के स्तर पर प्रदेश नेताओं के साथ कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है। झा ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि ऐसे किसी व्यक्ति को अध्यक्ष बनाना चाहिए, जो सबको साथ लेकर चल सके। इसके लिए पहले नेताओं के साथ विचार-विमर्श होना चाहिए। कोई भी एकतरफा फैसला पार्टी के हित में नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में हमने देखा है कि अल्पसंख्यक समाज, ब्राह्मण और अन्य सवर्ण जातियां ही कहीं न कहीं कांग्रेस के वोबैंक का मुख्य आधार रही हैं। मौजूदा समय में ब्राह्मण अध्यक्ष है। इन सब बातों को पार्टी को जरूर ध्यान में रखना चाहिए।’’ दूसरी तरफ, बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद शम्स शाहनवाज का कहना है कि पार्टी आलाकमान जिसे भी नया अध्यक्ष बनाएगा, उसके साथ सभी कार्यकर्ता खड़े होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया जी और राहुल जी का निर्णय ही अंतिम है। जिसे भी अध्यक्ष बनाया गया, उसके साथ पार्टी का हर कार्यकर्ता और युवा कांग्रेस खड़ी होगी। हमारा लक्ष्य सिर्फ यही होना चाहिए कि हम सभी को मिलकर 2024 में राहुल गांधी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनानी है।’’ राहुल गांधी ने कुछ सप्ताह पहले कांग्रेस की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर संगठन को मजबूत बनाने और नये अध्यक्ष को लेकर चर्चा की थी। माना जा रहा है कि नये प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्षों की जल्द घोषणा हो जाएगी।

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Web Title: Congress preparing to bet on Dalit leader in Bihar, many leaders object

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