प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने के लिए लामबंद हो रहे हैं कांग्रेस के नेता
By शीलेष शर्मा | Published: February 21, 2020 06:24 AM2020-02-21T06:24:42+5:302020-02-21T06:24:42+5:30
राहुल गांधी के इस्तीफा देने और फिर से पदभार न संभालने के बाद जिन हालातों में सोनिया गांधी को फौरी अध्यक्ष बनाया गया उसी समय से एक पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है. यह हलचल उस समय तेज हुई जब शीला दीक्षित के बेटे और दिल्ली से कांग्रेस के सांसद रहे संदीप दीक्षित ने गांधी परिवार से बाहर किसी व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की. संदीप दीक्षित की इस मांग के तुरंत बाद जहां एक ओर कांग्रेस के नेता उनके खिलाफ लामबंद हो गए और रणदीप सुरजेवाला और शशि थरूर ने सार्वजनिक रूप से दीक्षित पर हमला करते हूए अपने गिरेबान में झांकने की सलाह दे डाली. इससे पूर्व पी. सी चाको पहले ही संदीप दीक्षित पर हमला कर चुके हैं.
राहुल गांधी के इस्तीफा देने और फिर से पदभार न संभालने के बाद जिन हालातों में सोनिया गांधी को फौरी अध्यक्ष बनाया गया उसी समय से एक पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है. शशि थरूर ने ट्वीट किया कि पार्टी नेतृत्व को जल्द ही नए अध्यक्ष का चुनाव करना चाहिए. औपचारिक तौर पर भले ही वह सीधे प्रियंका गांधी का नाम नहीं ले रहे हैं लेकिन उनका मानना है कि पार्टी के तमाम बड़े और छोटे नेता प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में हैं. पार्टी में यदि चुनाव भी होते हैं तो भी प्रियंका के विरुद्ध पहले तो कोई मैदान में नहीं उतरेगा और उतरता भी है तो उसके लिए जीतना असंभव है.
उत्तरप्रदेश के नेता लामबंद होकर नेतृत्व तक अपनी आवाज पहुंचा रहे हैं कि अब समय आ गया है जब प्रियंका गांधी को पार्टी की कमान सौंंप दी जाए. इनमें अजय कुमार लल्लू जितिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी, आर पी एन सिंह, राज बब्बर, कै. अमरेंद्र सिंह, कमलनाथ, अशोक गहलोत सरीखे नेता शामिल हैं. हैरानी की बात यह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता इन आरोपों से घिरे थे कि वे राहुल के नेतृत्व से संतुष्ट नहीं हैं वह भी प्रियंका गांधी के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं. इनमें अहमद पटेल, जयराम रमेश, आनंद शर्मा सहित दूसरे नेताओं के नाम हैं.
सोनिया गांधी अस्वस्थ होने के कारण पार्टी के कामों में बहुत समय नहीं दे पा रही हैं. वहीं राहुल गांधी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर पार्टी नेताओं को बार बार दूसरा अध्यक्ष चुनने की सलाह दे रहे हैं. पार्टी के नेता यह भी मानते हैं कि गांधी परिवार के अलावा दूसरा कोई नेता पूरी पार्टी को एकजुट नहीं रख सकेगा. ऐसी स्थिति में सबकी निगाहें अब प्रियंका गांधी पर जा टिकी हैं. लेकिन यह भी साफ नहीं है कि गांधी परिवार नेताओं की इस मांग पर किस तरह अपनी प्रतिक्रिया देता है.