नई दिल्ली: मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्टकांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए सजा पर तब तक रोक लगा दी है जब तक शीर्ष न्यायलय में मामला लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है। फैसले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रतिक्रिया दी। अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी पर मानहानि के मुकदमे में सजा पर रोक का सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है। यह सच्चाई एवं न्याय की जीत है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राहुल गांधी फिर से संसद सचिवालय से सदस्यता बहाल करने की अपील कर सकते हैं। बता दें कि 'मोदी' उपनाम टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।
शीर्ष अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस मुख्यालय में जश्न मनाया जाने लगा। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी शाम 3 बजे पार्टी मुख्यालय पहुंचेंगे। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि वह जल्द से जल्द लोकसभा अध्यक्ष से मिलेंगे और राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने की अपील करेंगे।
बता दें कि राहुल गांधी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जज इसे नैतिक अधमता से जुड़ा गंभीर अपराध मानते हैं। यह गैर-संज्ञेय और जमानती अपराध है। मामले में कोई अपहरण, बलात्कार या हत्या नहीं की गई है। यह नैतिक अधमता से जुड़ा अपराध कैसे बन सकता है? राहुल गांधी कोई कट्टर अपराधी नहीं हैं। राहुल गांधी पहले ही संसद के दो सत्रों से दूर रह चुके हैं।