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कांग्रेस में विद्रोह के हालात! राहुल गांधी के नेतृत्व को बदलने और चुनाव कराने पर अड़े असंतुष्ट नेता

By शीलेष शर्मा | Updated: March 17, 2022 20:16 IST

कांग्रेस में विधानसभा चुनाव में हार के बाद हाहाकार मचा है। पार्टी के असंतुष्ट नेता किसी भी कीमत पर इस मांग पर अड़े हैं कि पार्टी के संघटनात्मक चुनाव तत्काल कराये जाएं। राहुल गांधी के बिना किसी पद के फैसले लेने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

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ठळक मुद्देपार्टी के संघटनात्मक चुनाव तत्काल कराए जाने की मांग कर रहे असंतुष्ट नेता।जी-23 अब बड़ा रूप लेता जा रहा है, पार्टी में खुले विद्रोह के हालात।राहुल गांधी के बिना किसी पद के फैसले लेने पर भी सवाल उठा रहे कांग्रेस के असंतुष्ट नेता।

नई दिल्ली: राहुल गांधी का नेतृत्व कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं हैं और वह इस मांग पर अड़े हैं कि पार्टी के संघटनात्मक चुनाव तत्काल कराये जाएं। कल तक जो जी 23 था वह अब बड़ा रूप लेता जा रहा है नतीजा ये है कि पार्टी में खुले विद्रोह के हालात बनते नजर आने लगे हैं। 

गुलाम नबी आज़ाद के निकट सूत्रों से मिली खबर के अनुसार आजाद असंतुष्टों की बात सोनिया गांधी तक पहुंचाने के लिये जल्दी मुलाक़ात करने जा रहे हैं। आजाद के आवास पर रात्रि भोज पर हुई चर्चा के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने गुरुवार को राहुल से मुलाकात कर प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा को तत्काल हटाने की मांग की साथ ही साफ कर दिया कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो राज्य में पार्टी टूट जायेगी।

कपिल सिब्बल का गांधी परिवार सहित कई नेताओं पर हमला 

इधर कपिल सिब्बल ने समूचे गांधी परिवार ,केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन सरीखे लोगों को उनके पदों से हटाने की खुली मांग कर डाली। असंतुष्ट खेमे से मिले संकेतों के अनुसार यह नेता गांधी परिवार को हटाकर शरद पवार के नेतृत्व में समान विचारों वाले दलों का नया मोर्चा खड़ा करना चाहते हैं जिसमें पवार के अलावा ममता बनर्जी, केसीआर, अखिलेश यादव सहित दूसरे नेताओं को शामिल किया जा सके। 

बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ नेता ने लोकमत को बताया कि अगर सोनिया पार्टी में एक जुटता रखना चाहती हैं तो राहुल को हटाना होगा क्योंकि बिना किसी पद के वह अभी भी फैसले कर रहे हैं जो स्वीकार नहीं है। चिंतन शिविर का अब कोई महत्व नहीं है, नेतृत्व को चुनाव करा कर जीते हुए नेताओं को जिम्मेदारी सौंपनी होगी तभी पार्टी का विभाजन रूक सकता है।

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