राजस्थान सीएम अशोक गहलोत की गुहार पर नहीं भी माने राहुल गांधी, कहा-अध्यक्ष नहीं बनूंगा
By भाषा | Published: July 1, 2019 03:53 PM2019-07-01T15:53:34+5:302019-07-01T15:53:34+5:30
सोमवार को अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा था कि कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री आज राहुल गांधी से मिलेंगे। गहलोत ने लिखा था कि मौजूदा समय में केवल वह (राहुल) ही कांग्रेस का नेतृत्व कर सकते हैं। देश और देशवासियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बेमिसाल है।
लोकसभा चुनाव के बाद इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस नेताओं के इस्तीफों का दौर सोमवार को भी जारी रहा। अब पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख नितिन राउत ने अपने पद इस्तीफा दे दिया है।
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के झटके से कांग्रेस पार्टी अभी तक उभर नहीं पाई है। सोमवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी, लेकिन राहुल मानने को तैयार नहीं हैं। राहुल का कहना है कि वह अपना फैसला स्पष्ट कर चुके हैं, जिसे आप जानते हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुई पहली कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में ही राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी और वह तभी से उसी बात पर अड़े हुए हैं।
सोमवार को अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा था कि कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री आज राहुल गांधी से मिलेंगे। गहलोत ने लिखा था कि मौजूदा समय में केवल वह (राहुल) ही कांग्रेस का नेतृत्व कर सकते हैं। देश और देशवासियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बेमिसाल है।
लेकिन राहुल गांधी के जवाब से लगता है कि वह मानने के मूड में नहीं हैं और इस्तीफा देने की अपनी बात पर अड़े ही रहेंगे। बीते दिनों राहुल गांधी ने कहा था कि मेरे इस्तीफा देने की पेशकश करने के बाद भी कोई नेता इस्तीफा देने और हार की जिम्मेदारी लेने सामने नहीं आया था, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी में भूचाल आ गया था और सैकड़ों पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, इनमें कोई भी राष्ट्रीय स्तर का चेहरा शामिल नहीं था।
हर कोई इस्तीफा देते वक्त सिर्फ इतना कह रहा था कि हार की जिम्मेदारी उनकी है इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं अब राहुल गांधी इस्तीफा ना दें। आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस 25 में 0, मध्य प्रदेश में 29 में से सिर्फ एक (छिंदवाड़ा) की सीट ही जीत पाई थी।
We firmly believe that only he can lead the party in the current scenario, his commitment towards well being of our country and countrymen is un-compromised and unmatched.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 1, 2019
लोकसभा चुनाव के बाद इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस नेताओं के इस्तीफों का दौर सोमवार को भी जारी रहा। अब पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख नितिन राउत ने अपने पद इस्तीफा दे दिया है।
राउत ने अपने त्यागपत्र में कहा, ‘‘राहुल जी, आपने हमें जवाबदेही का रास्ता दिखाया है। मैं 2019 के चुनाव के नतीजों की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और अपना इस्तीफा पेश करता हूं।’’ उन्होंने गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा कि एससी विभाग की टीम ने पूरी मेहनत की, हालांकि नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। इसकी समीक्षा की जाएगी।
राउत से पहले कांग्रेस के कई सचिवों, प्रदेश इकाई के नेताओं, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस तथा पार्टी के दूसरे संगठनों के कई पदाधिकारियों ने गांधी के समर्थन में इस्तीफे दिए। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी।
हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं। हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें।