बीजेपी और कांग्रेस के बीच फुटबॉल बन गई है राफेल डील, जानिए इससे जुड़ी 11 सबसे अहम बातें

By पल्लवी कुमारी | Published: August 31, 2018 07:35 AM2018-08-31T07:35:13+5:302018-08-31T07:35:13+5:30

कांग्रेस राफेल डील को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ में जनआंदोलन करने का पूरा प्लान बना रही है। कांग्रेस पार्टी मॉनसून सत्र के दौरान भी संसद परिसर में इस बात को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं।

congress bjp rahul gandhi narendra modi Rafale Deal need to know all things and controversy | बीजेपी और कांग्रेस के बीच फुटबॉल बन गई है राफेल डील, जानिए इससे जुड़ी 11 सबसे अहम बातें

बीजेपी और कांग्रेस के बीच फुटबॉल बन गई है राफेल डील, जानिए इससे जुड़ी 11 सबसे अहम बातें

नई दिल्ली, 31 अगस्त:  राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार पिछले कुछ महीनों से हमला बोल रहे हैं। इतना ही नहीं राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसको एक घोटाला तक बोल दिया है। कांग्रेस राफेल डील को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ में जनआंदोलन करने का पूरा प्लान बना रही है। कांग्रेस का हर नेता राफेल को लेकर पूरे देश में जनादेश बनाने में लगी हुई है। इस मुद्दे को राहुल गांधी संसद में भी उठा चुके हैं। कांग्रेस पार्टी मॉनसून सत्र के दौरान भी संसद परिसर में प्रदर्शन कर चुकी है। कांग्रेस ने राफेल सौदे को नरेंद्र मोदी सरकार का एक घोटाला करार दे चुके है। वहीं बीजेपी भी इस मुद्दे लेकर साफ तौर पर इनकार कर रही है। तो आइए जानते हैं कि पिछले कुछ महीनों से जिस डील को लेकर इतना विवाद हुआ है, उससे जुड़ी हर बात...

1- राफेल सौदे को लेकर विवाद बढ़ने के बीच फ्रांस से 58000 करोड़ रुपये की लागत से भारत के 36 लड़ाकू विमानों को खरीदने के समूचे मामले को समझते हैं

2- राफेल क्या है ?

राफेल अनेक भूमिकाएं निभाने वाला एवं दोहरे इंजन से लैस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है और इसका निर्माण डसॉल्ट एविएशन ने किया है। राफेल विमानों को वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है।

3- संप्रग सरकार का क्या सौदा था ?

भारत ने 2007 में 126 मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी, जब तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने भारतीय वायु सेना से प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। इस बड़े सौदे के दावेदारों में लॉकहीड मार्टिन के एफ-16, यूरोफाइटर टाइफून, रूस के मिग-35, स्वीडन के ग्रिपेन, बोइंड का एफ/ए-18 एस और डसॉल्ट एविएशन का राफेल शामिल था। लंबी प्रक्रिया के बाद दिसंबर 2012 में बोली लगाई गई। डसॉल्ट एविएशन सबसे कम बोली लगाने वाला निकला। मूल प्रस्ताव में 18 विमान फ्रांस में बनाए जाने थे जबकि 108 हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर तैयार किये जाने थे। संप्रग सरकार और डसॉल्ट के बीच कीमतों और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर लंबी बातचीत हुई थी। अंतिम वार्ता 2014 की शुरुआत तक जारी रही लेकिन सौदा नहीं हो सका।

4- राफेल विमान की कीमत

प्रति राफेल विमान की कीमत का विवरण आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया था, लेकिन तत्कालीन संप्रग सरकार ने संकेत दिया था कि सौदा 10.2 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा। कांग्रेस ने प्रत्येक विमान की दर एवियोनिक्स और हथियारों को शामिल करते हुए 526 करोड़ रुपये (यूरो विनिमय दर के मुकाबले) बताई थी।

5- मोदी सरकार द्वारा किया गया सौदा क्या है?

फ्रांस की अपनी यात्रा के दौरान, 10 अप्रैल 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि सरकारों के स्तर पर समझौते के तहत भारत सरकार 36 राफेल विमान खरीदेगी। घोषणा के बाद, विपक्ष ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी के बिना कैसे इस सौदे को अंतिम रूप दिया। मोदी और तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद के बीच वार्ता के बाद 10 अप्रैल, 2015 को जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि वे 36 राफेल जेटों की आपूर्ति के लिए एक अंतर सरकारी समझौता करने पर सहमत हुए।

6- भारत और फ्रांस का अंतिम सौदा?

भारत और फ्रांस ने 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 23 सितंबर, 2016 को 7.87 अरब यूरो (लगभग 5 9, 000 करोड़ रुपये) के सौदे पर हस्ताक्षर किए। विमान की आपूर्ति सितंबर 2019 से शुरू होगी।

6- कांग्रेस का क्या है आरोप

कांग्रेस इस सौदे में भारी अनियमितताओं का आरोप लगा रही है। उसका कहना है कि सरकार प्रत्येक विमान 1,670 करोड़ रुपये में खरीद रही है जबकि संप्रग सरकार ने प्रति विमान 526 करोड़ रुपये कीमत तय की थी। पार्टी ने सरकार से जवाब मांगा है कि क्यों सरकारी एयरोस्पेस कंपनी एचएएल को इस सौदे में शामिल नहीं किया गया।

7-कांग्रेस ने कीमतो पर क्या कहा...?

कांग्रेस ने विमान की कीमत और कैसे प्रति विमान की कीमत 526 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,670 करोड़ रुपये की गई यह भी बताने की मांग की है। सरकार ने भारत और फ्रांस के बीच 2008 समझौते के एक प्रावधान का हवाला देते हुए विवरण साझा करने से इंकार कर दिया है।

8- मोदी सरकार की क्या  प्रतिक्रिया है..?

लगभग दो साल पहले, रक्षा राज्य मंत्री ने संसद में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा था कि प्रत्येक राफेल विमान की लागत लगभग 670 करोड़ रुपये है, लेकिन संबंधित उपकरणों, हथियार और सेवाओं की कीमतों का विवरण नहीं दिया।

9- मोदी सरकार ने कीमत बताने से किया इनकार

मोदी सरकार ने कीमतों के बारे में बात करने से इनकार कर दिया। साथ ही यह कहा जा रहा है कि 36 राफेल विमानों की कीमत की "डिलिवरेबल्स" के रूप में 126 लड़ाकू विमान खरीदने के मूल प्रस्ताव के साथ "सीधे तुलना" नहीं की जा सकती है।

10- वित्त मंत्री अरुण जेटली का पक्ष

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट लिखकर कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर सौदे के बारे में झूठ बोलने और दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजग सरकार द्वारा हस्ताक्षरित सौदा संप्रग सरकार के तहत 2007 में जिस सौदे के लिये सहमति बनी थी उससे बेहतर है।

11- अनिल अंबानी का विवाद

कांग्रेस पार्टी का ये भी आरोप है कि राफेल की डील मोदी सरकार ने अनिल अंबानी को क्यों दी है? राहुल गांधी का कहना है कि जिसकी कंपनी ने कभी कोई हथियार बनाई ही नहीं, उसको इतना बड़ा डील कैसे दे दी गई। 

(भाषा इनपुट)

Web Title: congress bjp rahul gandhi narendra modi Rafale Deal need to know all things and controversy

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे