कांग्रेस का आरोपः पीयूष गोयल ने उठाया मंत्री पद का लाभ, PMO को भी नहीं दी बिजनेस की पूरी जानकारी
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: April 28, 2018 16:01 IST2018-04-28T16:01:22+5:302018-04-28T16:01:22+5:30
मोदी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री पर पद के गलत इस्तेमाल और झूठे तथ्य पेश करने के आरोप लगे हैं। जानें कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें...

कांग्रेस का आरोपः पीयूष गोयल ने उठाया मंत्री पद का लाभ, PMO को भी नहीं दी बिजनेस की पूरी जानकारी
नई दिल्ली, 28 अप्रैलः कांग्रेस ने केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल पर पद के दुरुपयोग और संदिग्ध व्यापार सौदे के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विस्तार से इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी कैबिनेट मंत्री अपनी और परिवार की संपत्ति का खुलासा 48 घंटे में करें। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोएल ने भी अपनी संपत्ति की घोषणा की लेकिन महत्वपूर्ण तथ्य छिपा दिए। उन्होंने अपने व्यावसायिक संबंधों को सार्वजनिक नहीं किया।' पवन खेड़ा ने कहा कि पीयूष गोएल के ऊर्जा मंत्री बनने के बाद हितों के टकराव की स्थिति आई। जहां उन्होंने संदिग्ध व्यापार सौदा किया।
INC COMMUNIQUE
— INC Sandesh (@INCSandesh) April 28, 2018
Press statement issued by AICC spokesperson @Pawankhera on the dubious business deals involving Union Minister Piyush Goyal. pic.twitter.com/boCACT16tN
कांग्रेस के प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातेंः-
- पीयूष गोएल और उनकी पत्नी सीमा गोएल फ्लैशनेट इंफो सॉल्यूशंस इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर थी। उनके पास कंपनी के 99.99 फीसदी शेयर गिरवी रहे। मंत्री बनने के बाद उन्होंने डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन शेयर के मालिक बने रहे।
- फ्लैशनेट इंफो सॉल्यूशंस इंडिया लिमिटेड में 27010 पीयूष गोयल के नाम और 23010 शेयर सीमा गोएल के नाम पर थे। इन शेयर की वैल्यू 10 रुपये प्रति शेयर थी। पीरामल ग्रुप ने प्रत्येक शेयर को 9950/- रुपये में खरीदा। यह डील पीयूष गोयल के केंद्रीय मंत्री बनने के चार महीने बाद सितंबर 2014 में हुई। यहां सवाल उठता है कि पीरामल ग्रुप ने इतने महंगे दाम में शेयर क्यों खरीदे।
- पीरामल ग्रुप ने रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र शुरुआत की। उस वक्त ऊर्जा मंत्री पीयूष गोएल थे। यह सीधा तौर पर हितों के टकराव का मामला है। इसी वजह से पीरामल ग्रुप ने पीयूष गोएल की कंपनी को इतने महंगे दाम में खरीदा।
- पीरामल ग्रुप फ्लैशनेट इंफो सॉल्यूशंस को खरीदने के बाद इसका नाम बदलकर आसन इंफो सॉल्यूशंस कर दिया। अगले साल इस कंपनी ने 14 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया। जब सभी को दिख रहा था कंपनी घाटे में जाएगी तो फिर पीरामल ने खरीदा ही क्यों?
- हम सभी को पता है कि क्या समस्या हुई है लेकिन हम जिम्मेदार लोगों से जवाब चाहते हैं। पीयूष गोएल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दें।