असम में सीएए पर छिड़ा घमासान, यूओएफए ने किया 'हड़ताल' का ऐलान, गुवाहाटी पुलिस ने जारी की चेतावनी

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 12, 2024 09:01 AM2024-03-12T09:01:19+5:302024-03-12T09:10:59+5:30

असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर भारी संग्राम छिड़ गया है। गुवाहाटी, कामरूप, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में सीएए की प्रतियां जलाई गई हैं।

Clash broke out over CAA in Assam, UofA announced 'strike', Guwahati Police issued warning | असम में सीएए पर छिड़ा घमासान, यूओएफए ने किया 'हड़ताल' का ऐलान, गुवाहाटी पुलिस ने जारी की चेतावनी

फाइल फोटो

Highlightsअसम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर भारी संग्राम छिड़ गया हैगुवाहाटी, कामरूप, डिब्रूगढ़, गोलाघाट और तेजपुर जैसे कई जिलों में सीएए की प्रतियां जलाई गईंहालात की गंभीरता को देखते हुए गुवाहाटी पुलिस ने कई संगठनों को कानूनी नोटिस जारी किया है

गुवाहाटी:असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर भारी घमासान छिड़ गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बीते सोमवार को सीएए नियमों को अधिसूचित कियेाने के बाद से असम की 16-पक्षीय संयुक्त विपक्षी मंच (यूओएफए) ने इसके खिलाफ चरणबद्ध तरीके से आंदोलना करने और मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।

बताया जा रहा है कि गुवाहाटी, कामरूप, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में सीएए की प्रतियां जलाई गई और विरोध रैलियों का आयोजन हुआ है।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार हालात की गंभीरता को देखते हुए गुवाहाटी पुलिस ने उन सभी संगठनों को कानूनी नोटिस जारी किया है, जिन्होंने सीएए के विरोध में राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

आंदोलनकारी दलों को कड़ी चेतावनी देते हुए गुवाहाटी पुलिस ने कहा, "अगर सीएए के विरोध में बुलाये गये हड़ताल के कारण रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग संपत्तियों सहित सार्वजनिक या निजी संपत्ति को कोई नुकसान हुआ या फिर किसी भी नागरिक को चोट लगी तो आंदोलनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"

केंद्र सरकार द्वारा बीते सोमवार को लागू किये गये सीएए कनून की घोषणा के फौरन बाद पूरे असम में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और विपक्ष ने इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र में सत्ता की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी की जमकर आलोचना की है।

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बीते रविवार को चेतावनी दी थी कि अगर राजनीतिक दल अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए हड़ताल का आह्वान करते हैं तो वे अपना नागरिक पंजीकरण खो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध करने वालों को अपनी शिकायत के निवारण के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन से उनके किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।

सीएम सरमा ने कहा, "हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन अगर कोई राजनीतिक दल अदालत के आदेश की अवहेलना करता है, तो उसका नागरिक पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।"

मालूम हो कि बीते सोमवार को केंद्र ने सीएए 2019 के कार्यान्वयन की घोषणा कर दी। सरकार की ओर से यह कदम संसद द्वारा सीएए कानून पारित होने के चार साल बाद आया है। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता का मार्ग प्रशस्त किया है।

इसके साथ केंद्र सरकार अब तीन देशों के सताए हुए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगा।

Web Title: Clash broke out over CAA in Assam, UofA announced 'strike', Guwahati Police issued warning

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