Ayodhya Dispute: चीफ जस्टिस बोले- अब बहुत हो चुका, आज शाम पांच बजे तक खत्म होगा मैटर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 16, 2019 11:07 AM2019-10-16T11:07:40+5:302019-10-16T11:07:40+5:30
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि अब बहुत हो चुका। आज शाम पांच बजे तक मामले की बहस हर हाल में पूरी होगी। गोगोई ने इस दौरान हिंदू महासभा की इंटरवेंशन याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई 40वें दिन शुरू हो चुकी है। सुनवाई शुरू होने से पहले पांच जजों की बेंच के अध्यक्ष और मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि अब बहुत हो चुका। आज शाम पांच बजे तक मामले की बहस हर हाल में पूरी होगी। गोगोई ने इस दौरान हिंदू महासभा की इंटरवेंशन याचिका को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि अयोध्या मामला अपने आखिरी चरण में हैं ऐसे में पहले से ही वहां धारा 144 लगाई जा चुकी है। ये 10 दिसंबर तक लागू रहेगी।
Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi while dismissing intervention application of one of the parties Hindu Maha Sabha in #Ayodhya land case: This matter is going to be over by 5 pm today. Enough is enough. https://t.co/wOxgLGEoWB
— ANI (@ANI) October 16, 2019
गोगोई की सेवानिवृत्ति से पहले फैसला
सीजेआई गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं इसलिए उन्हें इससे पहले ये फैसला सुनाना होगा। अत: प्रधान न्यायाधीश ने पक्षकारों को कहा था कि सभी पक्षों को मिलकर संयुक्त प्रयास करना होगा कि सुनवाई और दलीलें 18 अक्तूबर तक पूरी हो जाए, ताकि जजों को फैसला लिखने का वक्त मिले। साथ ही पक्षकारों के वकील कोर्ट में सुझाव भी दाखिल करें कि इस मामले में राहत किस तरह दी जा सकती है।
यह था हाईकोर्ट का फैसला
सीजेआई रंजन गोगोई, न्यायामूर्ति एस.ए. बोबड़े, न्यायामूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायामूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ के सामने अपीलों का समूह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ है, जिसमें फैसला सुनाया गया था कि अयोध्या की 2.77 एकड़ भूमि को 3 भागों में विभाजित किया जाए, जिसमें 1/3 हिस्से में राम लला या शिशु राम के लिए हिंदू सभा द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाना है। इस्लामिक सुन्नी वक्फ बोर्ड में 1/3 और शेष 1/3 हिस्सा हिंदू धार्मिक संप्रदाय निर्मोही अखाड़ा को दिया जाए।
ऐतिहासिक भूल सुधारने की जरूरत
हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में आज 39वें दिन की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्षकार के वकील के. परासरन ने मस्जिद बनाए जाने को ऐतिहासिक भूल करार दिया। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश की गई दलील का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर बाबर ने मस्जिद बनवाई और यह एक ऐतिहासिक भूल की गई थी, जिसे सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में 55 से 60 मस्जिदें हैं और मुस्लिम समुदाय किसी भी मस्जिद में नमाज पढ़ सकते हैं। लेकिन विवादित स्थल ही भगवान राम का जन्मस्थान है और जन्मस्थान नहीं बदला जा सकता।
समाचार एजेंसियों से इनपुट्स लेकर