नागरिकता कानूनः विश्वविद्यालय के द्वार पर रोके गए छात्र, पुलिस ने लाठियां चलायी, तीन पुलिसकर्मी घायल, 50 छात्र हिरासत में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 13, 2019 07:42 PM2019-12-13T19:42:06+5:302019-12-13T20:29:54+5:30
प्रदर्शनकारी विश्वविद्यालय से निकलकर संसद भवन की ओर जाना चाह रहे थे। विश्वविद्यालय के द्वार पर प्रदर्शनकारियों को रोके जाने के बाद पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई। छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लाठियां चलायी।
जामिया मिल्लिया इस्मालिया विश्वविद्यालय शुक्रवार को पुलिस और छात्रों के बीच झड़प का मैदान बन गया, जहां छात्र नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन करते हुए संसद भवन तक जाना चाह रहे थे।
पुलिस और छात्रों के बीच हुई इस झड़प के बाद 50 छात्रों को हिरासत में लिया गया है। यह झड़प उस समय हुई जब प्रदर्शनकारियों को विश्वविद्यालय गेट पर रोक दिया गया। टकराव बढ़ने के साथ ही आप विधायक अमानतुल्लाह खान मौके पर पहुंचे और हालात को संभालने की कोशिश की।
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और छात्रों ने आरोप लगाया कि आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। छात्रों ने भी पथराव किया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पहले पुलिस ने पत्थर चलाए और छात्रों ने जवाब में पत्थरबाजी की। सोशल मीडिया पर छात्रों ने वीडियो साझा किया है, जिसमें पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करती दिखती है। पुलिस ने सड़क की घेराबंदी कर दी तो प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए। बाद में विश्वविद्यालय के गेट को बंद कर दिया गया।
इस संबंध में एक विधि छात्र ने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण जुलूस निकाल रहे थे और पुलिस ने हमें जुलूस निकालने से रोका। पहले उन्होंने हमसे पीछे हटने के लिए कहकर लाठियां चलाईं। उसके बाद उन्होंने पत्थर चलाए, जिसके जवाब में छात्रों ने भी पत्थर उठा लिए।’’
एक अन्य छात्र ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पत्थर चलाए और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल भी किया, जिसके चलते कई छात्र घायल हो गए हैं। पुलिस ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया है। मौके पर उपस्थित एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘छात्रों ने जुलूस शुरू किया। हमने बैरिकेड लगाए थे, जिन्हें उन्होंने तोड़ दिया और ऊपर से कूदने की कोशिश की।
इसके बाद उन्होंने हमारे ऊपर पत्थर फेंके, जिसके चलते हमें आंसू गैस के गोले छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।’’ दिल्ली पुलिस के परामर्श के बाद ऐहतियात के तौर पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वारों को बंद कर दिया था, हालांकि करीब एक घंटे बाद मेट्रो स्टेशनों को खोल दिया गया।
पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन फिर खोले गए
नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों को देखते हुए पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन के प्रवेश तथा निकास द्वारों को शुक्रवार को एक घंटे से अधिक समय तक बंद रखने के बाद फिर खोल दिया गया है।
#UPDATE DMRC: Entry & exit gates at all stations have been opened. Normal services have resumed in all stations. https://t.co/S1WJS1qF4H
— ANI (@ANI) December 13, 2019
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया, ‘‘सभी मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वारों को खोल दिया गया है। सभी स्टेशनों पर सेवाएं सामान्य हो गई हैं।’’ दिल्ली पुलिस की सलाह पर डीएमआरसी ने पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन के प्रवेश तथा निकास द्वारों को बंद कर दिया था। नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के संसद मार्च के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की सलाह पर मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए थे।
Delhi: Members of All India Mahila Congress participate in a march to raise awareness on women's security. pic.twitter.com/8BAeLBdB1H
— ANI (@ANI) December 13, 2019