नागरिकता संशोधन कानूनः राजस्थान के राज्यपाल की सलाह- लागू करें, मुख्यमंत्री ने कहा ना!
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: December 21, 2019 15:03 IST2019-12-21T15:03:52+5:302019-12-21T15:03:52+5:30
सीएम अशोक गहलोत इस सलाह से सहमत नहीं हैं, उनका कहना है कि- बीजेपी का एजेंडा लोकतंत्र की परम्पराओं और संविधान की मूल भावना से हटकर है.

नागरिकता संशोधन कानूनः राजस्थान के राज्यपाल की सलाह- लागू करें, मुख्यमंत्री ने कहा ना!
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध और समर्थन को लेकर राजस्थान में भी प्रदर्शन और बयानी जंग जारी है. अपने सौ दिन पूरे होने पर प्रेसवार्ता के दौरान एक प्रश्न के जवाब में राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना था कि संविधान की व्यवस्था के तहत केन्द्र के कानून को राज्य में लागू करना आवश्यक है.
लेकिन, सीएम अशोक गहलोत इस सलाह से सहमत नहीं हैं, उनका कहना है कि- बीजेपी का एजेंडा लोकतंत्र की परम्पराओं और संविधान की मूल भावना से हटकर है. कोई कारण नहीं था, संविधान में संशोधन करवा दिया. एनआरसी की बात कर रहे हैं, जो लागू हो ही नहीं सकता, प्रैक्टिकल नहीं है. असम में करके देख लिया, वहां इनकी खुद की गवर्मेंट हैं, वो कह रही है, ये हमें मंजूर नहीं है.
देश के वर्तमान हालात के लिए अमित शाह पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि- पूरे मुल्क में बार-बार गृह मंत्री अमित शाह बोल-बोल कर लोगों को भड़का रहे हैं. पिछले एक महीने से मैं देख रहा हूं, लगातार वो पूरे देशवासियों को भड़का रहे हैं कि मैं पूरे मुल्क में एनआरसी लागू करुंगा, एक तानाशाही प्रवृत्ति की जो भाषा होती है, वो बोलते हैं. ये लोकतंत्र में अच्छी बात नहीं है.
उन्होंने कहा कि- हम लोग प्रदेश में शांति मार्च निकालेंगे. 22 दिसंबर रविवार को सुबह 11 बजे अल्बर्ट हॉल से शुरू करेंगे और गांधी जी के स्टेच्यू तक जाएंगे, महात्मा गांधी जी के सानिध्य में जाकर अपनी भावना व्यक्त करेंगे. सबका आह्वान करते हैं शांति प्रदर्शन में अधिक से अधिक लोग भाग लें.
सीएम गहलोत का यह भी कहना है कि- इसने हिन्दू और मुसलमान सहित सभी समुदाय को सकते में डाल दिया है. यह सबको परेशान करने वाला एक्ट है. पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, राजस्थान, केरल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित आठ से अधिक राज्य इसे लागू नहीं कर रहे. एनडीए को चाहिए इसे तुरंत रिपील करे.