मान नहीं रहा है चीन, LAC के करीब कर रहा है सैन्य निर्माण, भारतीय वायुसेना ने तैयार किया जवाबी प्लान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 21, 2018 08:41 AM2018-12-21T08:41:46+5:302018-12-21T08:50:09+5:30
रिपोर्ट के अनुसार चीन ने भारत से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दूसरी तरफ तिब्बत में तीन मंजिला इमारतें बना ली हैं जो नियंत्रण रेखा के इस पार से भी साफ दिखायी देती हैं।
भारत से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब चीन तिब्बत के स्वायत्तशासी इलाके में एयरफोर्स बेस बना रहा है। चीनी वायुसेना द्वारा भारतीय सीमा के करीब किे जा रहे निर्माण को ध्यान में रखते हुए भारतीय वायुसेना भी किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए खुद को तैयार कर रही है। भारत ने चीन की हरकतों को देखते हुए एलओसी के करीब छह आकाश मिसाइल सिस्टम तैनात कि जाएंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय वायुसेना ने एलओसी के करीब चाइनुक और अपाचे हेलिकॉप्टर तैनात करने की भी योजना बनाई है। भारतीय वायुसेना चीन से सटी नियंत्रण रेखा के करीब रूसी एस-400 मिसाइल सिस्टम और फ्रांसीसी राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट की स्क्वार्डन तैनात करने की भी योजना बनायी है। एक स्क्वार्डन में करीब 18 फाइटर जेट होते हैं।
एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि चाइनुक और अपाचे हेलिकॉप्टर भारतीय सेना साल 2020 तक तैनात कर देगी। एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम और राफेल फाइटर जेट साल 20121 तक तैनात हो जाएंगे।
भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पिछले साल भारत से गतिरोध के बाद से ही चीनी सेना तिब्बत के इलाके में आधारभूत ढांचा तैयार कर रही है। भारतीय वायुसेना ने चीन की गतिविधियों को देखते हुए चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त और निगरानी बढ़ा दी है।
रिपोर्ट के अनुसार चीन ने भारतीय सीमा के दूसरी तरफ तीन मंजिला इमारतें बना ली हैं जो नियंत्रण रेखा के इस पार से भी साफ दिखायी देती हैं। चीन भारतयी सीमा के नजदीक सैन्य वाहन और रसद इत्यादि पहुँचाने के लिए सड़क इत्यादि भी बना रहा है।
डोकलाम विवाद भी भारतीय सीमा के करीब भारी सैन्य वाहनों की आवाजाही लायक सड़क बनाने की कोशिश के बाद ही शुरू हुआ था। भारत ने चीन द्वारा डोकलाम में ऐसी सड़क बनाने का विरोध किया था। डोकलाम तिब्बत का इलाका है जिसपर चीन अपना दावा करता है।
चीन तिब्बत में नया नागरिक हवाईअड्डा भी बना रहा है। भारतीय सेना अगस्त 2014 से ही आकाश मिसाइल सिस्टम को चीन से सटी नियंत्रण रेखा के पास भेजना शुरू कर दिया था।