लाइव न्यूज़ :

चीन ने ऐसे किया भारत के रणनीतिक क्षेत्र को प्रभावित

By IANS | Updated: February 27, 2018 19:49 IST

पूर्व डिप्लोमैट अशोक कंठ ने कहा, "चीन अब एक आर्थिक रूप से समृद्ध और सैन्य रूप से मजबूत राष्ट्र की 19वीं शताब्दी के उद्देश्य की खोज में अपनी परिधि में अपने आसपास को आकार दे रहा है।"

Open in App

नई दिल्ली, 27 फरवरीः चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए राष्ट्रपति की पारंपरिक दो कार्यकाल की परंपरा से आगे का मार्ग प्रशस्त करने के लिए देश के संविधान में संशोधन किया है। देश के एक प्रमुख चीनी विशेषज्ञ और बीजिंग में तैनात पूर्व राजदूत का कहना है कि चीन की प्रमुख बेल्ड एंट रोड पहल (बीआरआई) एक इसके क्षेत्रीय और वैश्विक विस्तार की रणनीतिक शुरुआत है, जिसका 'अनिवार्य रूप से भारत के रणनीतिक क्षेत्र में टकराव' होगा। 

इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज स्टडीज के निदेशक और चीन में भारत के पूर्व राजदूत अशोक कंठ ने चीन के 'बेल्ट ऑफ रोड पहल: प्रकृति, प्रभाव और भारत का जवाब' पर एक भाषण में कहा, "बीआरआई को पहले वन बेल्ट वन रोड कहा जाता था और चीन ने इसे आधुनिक युग के अतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्ग के लिए पुराने सिल्क रूट को पुनर्जीवित करने का आह्वान करार दिया है। यह राष्ट्रपति शी की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिस पर 1,000 अरब डॉलर खर्च किया जा रहा है। इस योजना की आधिकारिक रूप से 2015 में शुरुआत की गई और इसमें अब तक 70 देशों ने भाग लिया है।"

यह भाषण 'चेंजिंग एशिया' व्याख्यान श्रृंखला का हिस्सा था, जिसे सोसाइटी फॉर पॉलिसी स्टडीज थिंक टैंक ने इंडिया हैबिटेट सेंटर के साथ मिलकर आयोजित किया था। 

पूर्व डिप्लोमैट ने कहा, "चीन अब एक आर्थिक रूप से समृद्ध और सैन्य रूप से मजबूत राष्ट्र की 19वीं शताब्दी के उद्देश्य की खोज में अपनी परिधि में अपने आसपास को आकार दे रहा है।"

उन्होंने कहा कि चीन भारत के रणनीतिक क्षेत्र पर असर डाल रहा है और "भारत के रणनीतिक और परिचालन वातावरण को महत्वपूर्ण तरीके से बदलकर रख देगा।" भारत ने अब बीआरआई पहल में शामिल होने से इनकार किया है और इसे अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा करार दिया है। 

कंठ ने कहा, "चीन भारत के हितों और चिंताओं पर विचार करने के लिए सहमत हुआ है। इसलिए भारत को बीआरआई को एक भू-राजनैतिक चुनौती के रूप में देखना चाहिए और मित्र देशों के साथ मिलकर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए काम करना चाहिए, क्योंकि अब और अधिक देश बीआरआई परियोजना के स्वामित्व, वित्तीय मदद और दीर्घकालिक व्यवहार्यता पर सवाल उठा रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "बीआरआई चीन की एक महाशक्ति के रूप में उदय और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर हावी होने की कोशिश है। यह निकट भविष्य में हमारी विदेश नीति के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक होगी।"

टॅग्स :चीन
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वदुनियाभर में आफत?, हांगकांग में आग, 128 मरे, थाईलैंड में बाढ़ से 145 की मौत और श्रीलंका में बाढ़-भूस्खलन से 56 की मौत

विश्वHong Kong Fire: भीषण आग की चपेट में दर्जनों जिंदगियां, हांगकांड में इमारतों में लगी आग में मरने वालों की संख्या 94 हुई, कई लोग अब भी लापता

विश्वHong Kong fire: मरने वालों की संख्या बढ़कर 65, 279 लोग अब भी लापता, अस्पताल में जूझ रहे 68

भारतविश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स में 20 पदक, सोना ही सोना?, 09 स्वर्ण, 06 रजत और 05 कांस्य, भारतीय मुक्केबाजों ने चीन और इटली को धुना

कारोबारPM Modi in Bhutan: पीएम मोदी की भूटान यात्रा का चीन पहलू 

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई